गणित की पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले छात्रों की अभी तक की सबसे बड़ी समस्या यह थी कि उन्हें पुस्तक में छापे गये डायग्राम वगैरह को समझने में दिक्कत आती थी। अब यह समस्या जल्द ही खत्म होने जा रही है। केंद्र सरकार के एक विशेष कार्यक्रम के तहत आइआइटी दिल्ली ने नौंवी कक्षा की एनसीईआरटी
की गणित की पुस्तक को टेक्टाइल ग्राफिक्स फॉरमेट में छापने में सफलता हासिल की है। अगले हफ्ते संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद टेक्टाइल ग्राफिक्स वाले गणित के छह पुस्तकों को एनसीईआरटी को सौंपेगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।संचार मंत्रलय के तहत आने वाले सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से उपलब्ध कराए गए फंड के तहत ही आइआइटी (दिल्ली) ने यह काम किया है।
संचार मंत्रलय के सूत्रों ने बताया कि देश में पहली बार गणित के पुस्तकों को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि दृष्टिहीन छात्रों को भी इन्हें पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हो। आगे चल कर अन्य कक्षाओं की गणित की पुस्तकों को भी इस तकनीकी से प्रकाशित किया जाएगा। दरअसल, संचार विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए स्कूली छात्रों को शिक्षा में मदद पहुंचाने के लिए कई स्तरों पर कार्यक्रम चला रहा है।
इसके तहत सीबीएसई पाठ्यक्रम चलाने वाले सभी स्कूलों को ऑन लाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने का काम भी अंतिम चरण में है। अगले हफ्ते सोमवार को ओलैब्स नाम से एक कार्यक्रम को लांच किया जाएगा जो सभी स्कूलों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने का काम करेगा। उक्त सूत्रों के मुताबिक सरकार का यह कदम आने वाले दिनों में देश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में बहुत अहम कदम साबित होगा। इस योजना का असली फायदा तब सामने आएगा जब देश के सभी गांव डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के तहत जुड़ जाएंगे। उम्मीद की जानी चाहिए कि वर्ष 2019-2000 के देश के अधिकांश उच्च विद्यालय और कक्षाएं इंटरनेट से जुड़ जाएंगे। तब ओलैब कार्यक्रम का बड़े पैमाने पर विस्तार होगा।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.