Thursday, December 31, 2015

इंटरव्यू मतलब कोरा भ्रष्टाचार: इंटरव्यू में थोक के भाव लिए अंकों वाले अंग्रेजी प्रवक्ता को नहीं आती अंग्रेजी

सरकार द्वारा की गई अधिकतर शिक्षकों की भर्तियों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड कमजोर था, लेकिन उन्हें साक्षात्कार में ज्यादा अंक देकर शिक्षक बना दिया गया और जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा था, उन्हें कम नंबर देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। यही नहीं हरियाणा स्कूल शिक्षक
भर्ती बोर्ड की विज्ञापन संख्या 1/2012 की अंग्रेजी पीजीटी में ऐसे शिक्षकों की भर्ती की गई है, जिन्हें अंग्रेजी में प्रार्थना पत्र तक लिखना नहीं आता। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
आरटीआइ से मिली एक सूचना से सामने आया कि पीजीटी अंग्रेजी भर्ती में साक्षात्कार के समय कागजात कम पाए जाने पर भर्ती बोर्ड ने साक्षात्कार में शामिल होने के लिए तथा एक सप्ताह बाद कागजात ज्यादा कराने बारे बोर्ड जो प्रार्थना पत्र आवेदकों से लिखवाए गए थे, वह भी उन्हें लिखने नहीं आया। यहां तक कि अंग्रेजी में सेक्रेटरी की स्पेलिंग भी आवेदक सही नहीं लिख सके। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा 2012 में की गई अंग्रेजी पीजीटी भर्ती के मामले में सूचना के अधिकार के तहत पंचकूला निवासी नरेंद्र ने सूचना मांगी थी। सूचना के तहत चौंकाने वाले मामले सामने आए। सूचना के तहत बोर्ड ने आवेदक को साक्षात्कार में शामिल होने के लिए आवेदकों से लिखवाए गए प्रार्थनापत्रों को भी दिया। इसमें एक दर्जन से अधिक प्रार्थनापत्र बोर्ड ने आवेदकों को भेजे। इसमें सामने आया कि कुछ आवेदकों ने जो प्रार्थना पत्र लिखे हैं, वह उन्हें लिखने ही नहीं आ रहे यानि अंग्रेजी पीजीटी के आवेदन करने वाले शिक्षक अंग्रेजी में प्रार्थना पत्र सही ढंग से ही नहीं लिख सके। इसमें आवेदकों को वाक्य ही नहीं बनाने आ रहे और साथ ही कई स्पेलिंग भी गलत थी। अंग्रेजी के पीजीटी शिक्षकों ने हिंदी में प्रार्थना पत्र लिखे हुए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि पीजीटी अंग्रेजी भर्ती में प्रदेश में पहला रैंक हासिल करने वाली एक महिला उम्मीदवार को प्रार्थना पत्र में सेक्रेटरी की स्पेलिंग तक लिखनी नहीं आ रही।पिछली सरकार ने अपनी स्कूल भर्तियों के दौरान शर्ताें को इस प्रकार से निर्धारित किया कि होनहार होने पर कई को साक्षात्कार में कम अंक देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के बनाए गए मापदंड में जहां साक्षात्कार के 33 अंक थे जबकि 67 अंक शैक्षणिक योग्यता के थे। जिन आवेदकों के शैक्षणिक योग्यताओं में नंबर ज्यादा बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में कम अंक दिए गए और जिनके शैक्षणिक योग्यता में बहुत कम नंबर बनते थे, उन्हें साक्षात्कार में 33 में से 29 अंक देकर चयन कर दिया।
सरकारी स्कूलों में पद खाली रहने तथा रेशनेलाइजेशन नहीं होने के कारण कई सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या न होने के बाद भी शिक्षकों की संख्या ज्यादा हो गई है और ऐसे शिक्षकों को उन स्कूलों में नहीं भेजा जा रहा है, जहां सालों से पद खाली पड़े हैं, ऐसे शिक्षकों को अस्थायी तौर पर आंतरिक व्यवस्था करके उन स्कूलों में भेजा जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा, जिस कारण पढ़ाई प्रभावित हो ही रही है। आरटीई की धारा 16 है, जो सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम को सीधा प्रभावित कर रही है। इस धारा के तहत हर बच्चे को मौलिक शिक्षा दी जानी है। इसमें कहीं भी फेल या पास का जिक्र नहीं होने के कारण बच्चे को अगली कक्षा में दाखिले से कोई रोक नहीं सकता। ऐसे में यदि बच्चे ने मौलिक शिक्षा का सही ग्रेड प्राप्त भी न किया हो तो उसे अगली कक्षा में दाखिला देना मजबूरी भी बन जाता है। साथ ही शिक्षकों की कमी, शिक्षा में बार-बार हो रहे प्रयोग, पांचवीं, आठवीं कक्षा का बोर्ड नहीं होना भी गिरते स्तर के लिए जिम्मेदार है। - रामकुमार गर्ग, प्रदेश महासचिव, हरियाणा गवर्नमेंट स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन
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साभारजागरण समाचार 
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