महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति कौन होंगे? इसका निर्णय सोमवार तक हो सकता है। चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित निजी होटल में हुई सर्च कमेटी की बैठक में कुलपति के तीन नाम लिफाफे में बंद कर दिए हैं। राज्यपाल बंद लिफाफे में से किस नाम पर मोहर लगाएंगे यह सोमवार तक तय हो सकता है। सूत्रों की मानें तो कुलपति का नाम तय हो गया है, जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि से बताया जा रहा है। यह
पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के नियमित कुलपति की नियुक्ति को लेकर शुक्रवार को तीन सदस्यीय पंजाब विश्वविद्यालय चंड़ीगढ़ के कुलपति अरुण ग्रोवर, पंजाब विवि के पूर्व कुलपति प्रो. केएन पाठक व सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस प्रमोद कोहली ने मंथन किया। बताया जाता है कि काफी मंथन के बाद तीन नाम लिफाफे में बंद कर राज्य उच्चस्तर शिक्षा विभाग के निदेशक को सौंप दिए हैं। अब यह लिफाफा वाया शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री की टेबल से होते हुए विवि के कुलाधिपति एवं राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के पास पहुंचेगा। बंद लिफाफे में कुलपति पद के तीन नामों में से एक नाम राज्यपाल मनोनीत करेंगे। सूत्रों की मानें तो यह प्रक्रिया सोमवार तक पूरी होने की संभावना है। अगर तीन दिन में नए कुलपति की घोषणा नहीं हुई तो नए साल के पहले सप्ताह में विवि को नियमित कुलपति का तोहफा मिल जाएगा।
आरएसएस की पृष्ठभूमि से होगा नया कुलपति: सूत्रों की मानें तो महर्षि दयानंद विवि का कुलपति भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से होगा। सूत्र तो यहां तक भी कह रहे हैं कि डॉ. अरुण त्यागी, दिल्ली विवि से प्रोफेसर राजबीर सोलंकी व उत्तर प्रदेश से गीता सिंह का नाम कुलपति की दौड़ में सबसे आगे है। तीनों ही दावेदारों की पृष्ठभूमि संघ से है और इन्हीं में से किसी एक का नाम कुलपति के लिए चयनित होगा। विदित रहे कि मदवि कुलपति के लिए 80 से ज्यादा आवेदन आए थे। चर्चा है कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का कुलपति हरियाणा से नहीं बल्कि अन्य राज्यों से ही होगा। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति एचएस चहल ने 28 अप्रैल को समय से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अगले ही दिन राज्यपाल की ओर से वरिष्ठ आइएएस सुधीर राजपाल को अस्थाई कुलपति के रूप में कार्यभार सौंप दिया था। आइएएस सुधीर राजपाल पिछले नौ माह में बहुत ही कम समय विवि में रहे, जिसके कारण विवि की प्रशासनिक व्यवस्थाएं ठप हो गई थीं। मदवि शिक्षक संघ, गैर शिक्षक संघ और छात्र संगठनों को विरोध में उतरना पड़ा। शिक्षक संघ और गैर शिक्षक संघ कर्मचारियों ने तो मदवि में तीन दिन से अनिश्चितकालीन धरना भी दे दिया है।
बैठक में 20 नामों पर किया गया विचार: शुक्रवार को हुई बैठक में 20 नामों पर विचार किया गया लेकिन कमेटी अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। जल्दी ही कमेटी की एक और बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें नए वीसी के नाम पर फैसला होने की उम्मीद है।
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साभार: जागरण समाचार
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