Friday, December 11, 2015

नेशनल हेराल्ड मामला: जेटली ने सोनिया पर किया प्रहार, बोले 'क्वीन' क़ानून से ऊपर नहीं

नेशनल हेराल्ड केस पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस सांसदों के हंगामे की वजह से लगातार तीसरे दिन राज्यसभा में कोई काम नहीं हो सका। वहीं, शाम को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिए बिना उन पर हमला किया। फेसबुक पर उन्होंने लिखा, 'भारत 'क्वीन' को
कानून के ऊपर स्वीकार नहीं करेगा।' दरअसल, दिल्ली की एक कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी समेत कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं को समन भेजा है। इसे राजनीतिक बदले की कार्यवाही कहते हुए कांग्रेस हंगामा कर रही है। गुरुवार को भी राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य सुबह से वेल में थे। वे 'मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी' नारे लगा रहे थे। इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'यदि कुछ सदस्यों को सवाल नहीं पूछने तो वे अन्य सदस्यों को ऐसा करने से क्यों रोक रहे हैं? कुछ लोगों ने सदन को बंधक बना रखा है।' 
शाम को संसद में गतिरोध पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर टिप्पणी की। उन्होंने लिखा, 'नेशनल हेराल्ड केस में तथ्य साफ हैं। वित्तीय लेन-देन से कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपने लिए चक्रव्यूह बुना। ईडी ने कोई नोटिस जारी नहीं किया है। क्रिमिनल कोर्ट ने अपराध का संज्ञान लिया। हाईकोर्ट भी ट्रायल कोर्ट से सहमत है। इसे कानूनी तौर पर लड़ा जाना चाहिए। कांग्रेस इसे राजनीतिक बदला कह रही है। क्या उसका यह आरोप अदालतों के खिलाफ है? कांग्रेस और उसके नेता कोर्ट के सामने नोटिस का जवाब क्यों नहीं देते? इसमें सरकार या संसद उनकी मदद नहीं कर सकती। फिर वे संसद में हंगामा क्यों कर रहे हैं?' 
मैंने सदस्य से खेद प्रकट करने के लिए कहा था। मैं हाथ पकड़कर ऐसा नहीं करा सकती। यहां से भी (विपक्ष) आसन के ऊपर कागज फेंके गए। उस पर भी मैं कुछ नहीं कह रही हूं। किस-किस को सॉरी बोलने के लिए कहूं। -सुमित्रा महाजन, लोकसभा स्पीकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया। वे भाजपा सांसद बीरेंद्र सिंह की राहुल गांधी पर बुधवार को की गई टिप्पणी पर हंगामा कर रहे थे। उनसे माफी या उनके निलंबन की मांग कर रहे थे। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने आरोप लगाया, 'सरकार विपक्ष को अपमानित करने पर तुली है। सरकार ऐसे सदस्य और उसकी टिप्पणी का समर्थन करेगी, तब हम इसे बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। तीन तरह के माहौल बने हुए हैं। असहिष्णुता का माहौल, राजनीतिक बदले की भावना का माहौल और अब कुछ नहीं मिला तो अपमान करने का माहौल।' 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारभास्कर समाचार 
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