साभार: जागरण समाचार
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में एग्रो बिजनेस कालेज बनने का रास्ता साफ हो गया है। यह प्रदेश का पहला कालेज होगा, जहां विद्यार्थी खेती का बिजनेस और मैनेजमेंट सीख सकेंगे। हरियाणा के कृषि
उत्पादों की दिल्ली एनसीआर में मांग बढ़ेगी और किसान केवल खेती करने की बजाए खेती का बिजनेस करेंगे। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में कालेज का प्रस्ताव पास होने के बाद चंडीगढ़ में हुई बोर्ड की बैठक में यह नया कालेज खोलने की अनुमति दी गई है।
संस्थान का नाम इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड एग्रीप्रन्योरशिप रखा गया है। इंस्टीट्यूट में कुल 5 विभाग होंगे। बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने विभिन्न विभागों का सिलेबस तैयार करने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस वे पर स्थित गांव दौलताबाद में विश्वविद्यालय को जमीन मिली है। यहां लगभग 6 एकड़ भूमि पर करीब 7 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक इंस्टीट्यूट की स्थापना होगी।
ये पांच विभाग होंगे कालेज में:
- बिजनेस मैनेजमेंट
- एग्री बिजनेस मैनेजमेंट
- रूरल मैनेजमेंट
- कोर्पाेरेटिव मैनेजमेंट
- एंटरप्रन्योरशिप मैनेजमेंट
केवल पीजी कोर्स होंगे शुरू: विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार कालेज में केवल पीजी कोर्स ही शुरू किए जाएंगे। ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन और इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च सहित अन्य संस्थानों से संबद्धता मिलने के बाद कालेज में कोर्स शुरू होंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेगा। संभावना है कि इसी सेशन से पांचों विभागों में कोर्स शुरू हो जाएं। कालेज की आरंभिक कक्षाएं एचएयू में ही लगाई जा सकती हैं।
ये मुख्य काम करेगा संस्थान:
- यह संस्थान दिल्ली की मार्केट के अवसरों को हरियाणा के उत्पादों से भरने का काम करेगा।
- इस कालेज के माध्यम से छोटे किसानों का समूह बनाकर उत्पाद तैयार करने और उसे बेचने के काम को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- गांवों की जलवायू और मिट्टी के अनुसार कौन सी फसल वहां बेहतर हो और कलस्टर बनाकर गांव के उत्पाद को ब्रांड नेम दिया जा सके, इसके लिए भी संस्थान काम करेगा।
- हरियाणा के कृषि उत्पादों की डिमांड बढ़े और खेती को बिजनेस के रूप में विकसित करेगा।
हरियाणा के किसानों के लिए दिल्ली-एनसीआर में अपार संभावनाएं हैं। हम इसी को फोकस में रखकर काम कर रहे हैं। हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हरियाणा के किसानों की आय बढ़े। यह तभी हो सकता है, जब आधुनिक तरीके से खेती करने के साथ-साथ उत्पाद की डिमांड बढ़े। नया कालेज एग्रीप्रन्योर तैयार करेगा। - प्रो. केपी सिंह, कुलपति, एचएयू हिसार।