साभार: जागरण समाचार
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन अमेरिका के साथ चल रही परमाणु निरस्त्रीकरण की बातचीत को बीच में खत्म कर सकते हैं। वह फिर से मिसाइल और परमाणु
परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं। कोरियाई सरकार के एक प्रमुख अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री चोई सुन-हुई ने विदेशी राजनयिकों को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम के बीच हुए वियतनाम सम्मेलन के बाद अमेरिका ने एक सुनहरा अवसर खो दिया है। चोई ने फरवरी में हुए द्विपक्षीय सम्मेलन में अमेरिका पर 'गैंगस्टर जैसे बर्ताव' का आरोप लगाया है। यह वार्ता परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए हुई थी।
ट्रंप और किम सबसे पहले पिछले साल सिंगापुर में मिले थे। इससे पहले उत्तर कोरिया ने अपने मुख्य योंगब्योन परमाणु परिसर को बंद करने की पेशकश की थी। लेकिन यह वार्ता विफल हो गई क्योंकि ट्रंप ने योंगब्योन स्थित सभी परमाणु स्थलों को नष्ट करने के पहले प्रतिबंध हटाने से इन्कार कर दिया था।
चोई ने उत्तर कोरिया में संवाददाताओं को बताया कि उत्तर कोरिया ने केवल पांच प्रमुख आर्थिक प्रतिबंधों को पहले हटाने की मांग की थी। उसने सभी प्रतिबंध हटाने को नहीं कहा था। जबकि ट्रंप ने वार्ता टूटने के बाद सभी प्रतिबंध हटाने की मांग का दावा किया था। चोई ने कहा कि यह साफ है कि अमेरिका ने एक सुनहरा अवसर गंवा दिया है। हमें नहीं पता कि अमेरिका इतना गलत ब्योरा क्यों दे रहा है। हमने कभी सभी प्रतिबंध हटाने की मांग नहीं की थी। उन्होंने बताया कि जल्द ही किम अमेरिका के साथ भावी बातचीत के संबंध में जल्द ही आधिकारिक घोषणा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इसी हफ्ते वाशिंगटन में उत्तर कोरिया के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बेगन ने कहा था कि कूटनीतिक बहुत हद तक अभी भी कायम है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि सम्मेलन के बाद से समझौते के लिए अभी भी कोई कोशिश चल रही है या नहीं। हनोई सम्मेलन में ट्रंप ने कहा था कि तीसरी वार्ता की कोई योजना नहीं है।