साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त 1083 निजी स्कूलों में दाखिलों पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने मौलिक शिक्षा विभाग से मामले में कार्रवाई रिपोर्ट तलब करते हुए 2 मई तक
जवाब मांगा है।
मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन और पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसके मित्तल, रिटायर्ड जज केसी पुरी और सदस्य दीप भाटिया की खंडपीठ ने स्कूल बसों से हादसों में बच्चों की मौत पर चिंता जताते हुए मौलिक शिक्षा विभाग को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि आखिर कैसे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ होने दिया जा रहा है।
झज्जर में 60 स्कूलों की खस्ताहाल बिल्डिंग पर विभाग ने बताया कि 27 स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए 12 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा 17 स्कूलों के लिए तीन करोड़ 60 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है, जबकि दस स्कूलों के लिए जल्द ही बजट मिलेगा।
शिक्षा सचिव से मिल स्कूल फेडरेशन ने जताई लिस्ट पर आपत्ति : फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा की अगुवाई में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से मिला और शिक्षा विभाग द्वारा जारी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची पर आपत्ति जताई। उन्होंने बताया कि जो 1083 स्कूलों की सूची हाई कोर्ट में दी गई है, उसमें स्थायी मान्यता प्राप्त और अस्थायी मान्यता प्राप्त विद्यालयों का नाम भी शामिल कर दिया गया है। इससे स्कूल संचालकों में हड़कंप की स्थिति है। उन्होंने शिक्षा सचिव से अनुरोध किया कि जल्द ही इस भ्रम की स्थिति को खत्म करते हुए मान्यता प्राप्त विद्यालयों के नाम लिस्ट से काटे जाएं। इस पर शिक्षा सचिव ने एसोसिएशन को ऐसे विद्यालयों की सूची निदेशालय को भेजने के लिए कहा ताकि उचित कार्रवाई हो सके।