Tuesday, July 18, 2017

HBSE: निजी स्कूलों को हर साल देनी होगी 2 हजार निरंतरता फीस

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए प्राइवेट स्कूलों पर इसी सत्र से निरंतरता फीस लागू की है। यह फीस प्रति वर्ष दो हजार रुपए होगी। उधर इस फीस प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने विरोध किया
तथा इसे वापस लेने की मांग की है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने वर्ष 2017:18 सत्र से प्राइवेट स्कूलों पर दो हजार रुपये निरंतरता फीस लागू करने का फैसला लिया है। इस फैसले के विरोध में स्कूल संचालक लामबद्ध होने लग गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि इस फीस का कोई औचित्य नहीं बनता। इसलिए इस फीस को वापस लिया जाना चाहिए। जब तक फैसला वापस नहीं लिया जाता तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। 
इस समय प्रदेश भर में दस हजार से अधिक प्राइवेट स्कूल बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। अगर बोर्ड प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन की फीस वापसी की मांग को स्वीकार नहीं करता है तो बोर्ड को दो करोड़ रुपये प्रति वर्ष की आय होगी। इस संबंध में प्राइवेट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि बोर्ड का यह फैसला पूरी तरह से अनुचित है। इसलिए बोर्ड को स्कूल संचालन की यह समस्या देखते हुए यह फैसला वापिस लेना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बोर्ड ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो वे सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज कर देंगे। 
उधर बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि यह बोर्ड मंडल का फैसला है। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने उन्हें फीस वापसी के लिए ज्ञापन दिया है। अब वे इसे बोर्ड मंडल की बैठक में रखेंगे। मंडल बैठक में ही फैसला होगा कि फीस वापसी होगी कि नहीं। 
मान्यता लेने के लिए ही थी फीस: यह फीस पहली बार प्राइवेट स्कूलों पर लगाई गई है। अब तक केवल मान्यता प्राप्त करते समय ही पांच हजार रुपये फीस जमा करवाई जाती थी। उसके बाद कोई फीस नहीं ली जाती थी। निरंतरता फीस मान्यता प्राप्त फीस से अलग होगी। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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