साभार: भास्कर समाचार
सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा बाबा राम रहीम बीमार नहीं है। वह पूरी तरह स्वस्थ है, उसकी कोई तबीयत नहीं बिगड़ी है और ही जब से वह जेल आया है, वह किसी भी दिन बीमार पड़ा है। हां एक दो दिन उसने
सिर में दर्द की शिकायत जरूर की है। बाकी वह अपनी रुटीन की दवाई ही ले रहा है। यह कहना है प्रदेश डीजीपी बीएस संधू का। उन्होंने यह भी कहा कि जेल में बाबा का किसी भी तरह का मेडिकल चेकअप नहीं किया गया है। डॉक्टरों की ओर से बाबा को सेक्स एडिक्ट बताए जाने की बात भी गलत है। उन्होंने कहा कि यह सब हरियाणा पुलिस की मॉकड्रिल थी, जिससे यदि कभी बाबा गंभीर बीमार हो तो उसे आसानी से पीजीआई तक इलाज के लिए पहुंचाया जा सके। दरअसल, हरियाणा पुलिस की सुनारिया जेल से रोहतक पीजीआई तक मॉक ड्रिल ने हर वर्ग को उलझा दिया। किसी ने बाबा की तबीयत खराब बताई, किसी ने कहा कि गुरमीत रामरहीम को जेल से बाहर लाने की साजिश रची जा रही है, तो सोशल मीडिया, वाट्सएप में तो जेल के डॉक्टरों की रिपोर्ट तक चल गई। जिसमें कहा गया, डॉक्टरों की टीम ने राम रहीम को सेक्स का आदी बताया है, इसलिए उसकी तबीयत खराब हो गई है। लेकिन किसी भी डॉक्टर की टीम ने उसे नहीं जांचा है और ही राम रहीम किसी तरह की सेक्स हैबिट का एडिक्ट है। अपने मॉकड्रिल के तहत हरियाणा पुलिस ने पूरी गोपनीय रणनीति तैयार की। इसी के तहत चंडीगढ़ को भी अलर्ट किया गया, कि अगर राम रहीम को पीजीआई लाया जाए, तो आप क्या मदद करेंगे। चंडीगढ़ पुलिस ने तो इसमं अपनी जाहिर कर दी थी। जिसमें कहा कि राम रहीम को चंडीगढ़ पीजीआई लाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यानि अब हरियाणा पुलिस जान चुकी है कि जब कभी भी गुरमीत राम रहीम की तबीयत अगर खराब हुई, तो उन्हें चंडीगढ़ नहीं ले जाया जा सकता। इसकी रणनीति के तहत तबीयत खराब होने पर तुरंत पहले रोहतक पीजीआई के डॉक्टरों का पैनल तैयार कर दिया गया। जो तुरंत जेल में जाकर राम रहीम की सेहत की पहले जांच करेंगे और उनको कैसे चंद मिनटों में कौन पुलिस कर्मी कैसे लेकर आएंगे। पूरा रूट मैप इस मॉकड्रिल के जरिए तीन दिन पहले तैयार किया गया था।