साभार: जागरण समाचार
उत्तर कोरिया पर अमेरिका और उसके मित्र देशों की कार्रवाई प्रभावशाली और भारी असर छोड़ने वाली होगी। यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कही है। ट्रंप ने यह बात अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एचआर
मैकमास्टर के उस बयान के बाद कही है जिसमें उन्होंने उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर विचार की बात कही थी। अमेरिका के शीर्ष स्तर से ये बयान उत्तर कोरिया के शुक्रवार (15 सितंबर) को बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण और उससे पहले तीन सितंबर को हाइड्रोजन बम के परीक्षण से पैदा स्थितियों पर आए हैं। ताजा परीक्षण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अत्यधिक भड़काने वाला बताकर निंदा की है।
अमेरिकी वायुसेना की 70 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा, अमेरिकी वायुसेना की क्षमता और समर्पण देखकर पूरा भरोसा हो गया है कि उत्तर कोरिया पर हमारी कार्रवाई प्रभावशाली और भारी असर छोड़ने वाली होगी। अमेरिका और उसके मित्र देशों की सोच कभी धमकाने वाली नहीं रही, न हम धमकी दे रहे हैं। हम केवल अपने देशवासियों, अपने देश और अपनी सभ्यता की सुरक्षा की चिंता कर रहे हैं। हम उन लोगों से इसे बचाना चाहते हैं जो हमें डरा रहे हैं, धमकी दे रहे हैं। धमकाने वालों में उत्तर कोरिया भी शामिल है जो न केवल पड़ोसियों बल्कि समूची विश्व बिरादरी को अपने कृत्यों से भयभीत कर रहा है। शुक्रवार को जापान के ऊपर से छोड़ी गई उत्तर कोरिया की मिसाइल के आंकड़ों का अध्ययन के बाद अमेरिकी वायु सुरक्षा कमान ने कहा है कि वह उत्तर अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम नहीं थी। ताजा मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने अपने जापानी समकक्ष सुनोरी ओनोडेरा को जापान ही नहीं पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है।
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने साफ किया है कि उनका देश अपना परमाणु कार्यक्रम पूरा किये बगैर रुकने वाला नहीं है। यह कार्यक्रम अब जल्द ही पूरा होने वाला है। ऐसा अमेरिका की सैन्य शक्ति से संतुलन स्थापित करने के लिए किया जा रहा है। अमेरिका का बार-बार धमकी देना भी बंद हो जाएगा। शुक्रवार को बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण के सफलता पर गहरा संतोष जताते हुए किम जोंग ने कहा है कि हमारी मिसाइल हमले के लिए तैयार हैं। तानाशाह ने कहा कि देश ने यह क्षमता असीमित अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद हासिल की है। जल्द ही हम वह क्षमता प्राप्त कर लेंगे जिससे अमेरिका हमें सैन्य कार्रवाई के नाम पर डराने की हिम्मत नहीं करेगा।