साभार: जागरण समाचार
शिक्षा विभाग खुद के पास मौजूद शिक्षकों से ही विद्यार्थियों की पढ़ाई को खराब होने से बचाएगा। शिक्षा विभाग निदेशालय ने आदेश जारी किए हैं। जिसके बाद मुताबिक वर्कलोड कम होने पर योग्यता के अनुसार शिक्षकों को
दूसरी कक्षाओं को पढ़ाना होगा। शिक्षक योग्यता के मुताबिक सीनियर व जूनियर कक्षाओं को पढ़ाने से इंकार नहीं कर सकेंगे। शिक्षकों से काम लेने की जिम्मेदारी हेड टीचरों की होगी। इससे पहले पीआरटी प्राइमरी, टीजीटी छठी से आठवीं, पीजीटी हाई व सीनियर सेकेंडरी का कार्यक्षेत्र है।
शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव विरेंद्र सिंह ने शैक्षणिक स्टाफ के वैकल्पिक उपयोग को लेकर आदेश जारी किए हैं। पीजीटी व लेक्चरर अगर किसी स्कूल में ज्यादा हैं और नीचे की कक्षाओं में शिक्षकों की कमी है तो वह पढ़ाने से मना नहीं कर सकेंगे। इसी प्रकार अगर प्राइमरी शिक्षक के पास वर्कलोड कम है और वह सरप्लस है तो 6 से लेकर 8 कक्षा या उच्च कक्षाओं को पढ़ा सकता है। लेकिन उसके बाद उन कक्षाओं को पढ़ाने की योग्यता होनी चाहिए। इसके अलावा 6 से 8 कक्षा तक टीजीटी अगर सरप्लस हैं या फिर उनके पास वर्कलोड कम हैं तो वह 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ा सकते है। हेड टीचरों को ये व्यवस्था बनानी होगी कि किसी भी शिक्षक से निर्धारित वर्कलोड से ज्यादा काम न लिया जा सके। शिक्षक को जो काम दिया गया है पहले वह वही निपटाएगा। उसके बाद अगर उसका वर्कलोड कम है तो वह दूसरी कक्षाओं को पढ़ा सकता है, अन्यथा नहीं ।