साभार: भास्कर समाचार
प्रद्युम्न की हत्या के बाद विभाग ने स्कूलों के लिए कानूनी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनका उल्लंघन करने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सिविल आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने
शुक्रवार को बताया कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर विधानसभा के आगामी सत्र में शिक्षा अधिनियम में जरूरी संशोधन किए जाएंगे। अगर सुरक्षा मापदंडों का उल्लंघन किया तो स्कूल का अनुदान बंद किया जा सकता है। गैर अनुदानित स्कूलों की मान्यता तुरंत प्रभाव से खत्म की जा सकती है। स्कूल को टेकओवर किया जा सकता है। आपराधिक कार्रवाई के तहत स्कूल प्रबंधन को 6 माह की जेल और 1 हजार जुर्माना हो सकता है।
स्कूलों के लिए बनाए ये नियम: स्कूल, तहसील और जिला स्तर पर सुरक्षा कमेटियां बनाई हैं। इनमें जिला स्तरीय कमेटी उपायुक्त, तहसील स्तरीय कमेटी एसडीएम और स्कूल स्तरीय कमेटी में स्कूल मुखिया को नेतृत्व सौंपा है। जब बच्चा रास्ते में हो तब बस में इनके साथ महिला कर्मचारी का साथ होना जरूरी होगा। बस और स्कूल में प्रशिक्षित एवं विश्वसनीय स्टाफ हो। बच्चे को घर से लाना और सुरक्षित घर छोड़ना होगा। कैमरे से हर स्टेप पर निगरानी रखी जाएगी। वाहन में आग से सुरक्षा, फ़र्स्ट एड किट, स्पीड गवर्नर जरूरी है। स्कूल के मुख्य द्वार पर आवाजाही का रिकार्ड रखना होगा। बच्चे की उपस्थिति रिपोर्ट स्कूल शुरू होने के 5 मिनट बाद माता-पिता को देनी होगी। सभी स्टाफ और बच्चों के लिए पहचान पत्र जरूरी होगा। स्कूल के संवेदनशील स्थान सुरक्षित पहुंच में होने चाहिए। स्कूल समय के दौरान निर्माण कार्य नहीं होगा। शौचालय सुरक्षित हो, इसमें केवल महिला जमादार हो।