Tuesday, September 19, 2017

आउट सोर्स पर लगे कर्मियों के लिए लागू होगा समान काम के लिए समान वेतन; सीएम ने दी कई फैसलों को मंजूरी

साभार: भास्कर समाचार
हरियाणा के विभिन्न विभागों में आउट सोर्सिंग पॉलिसी के तहत लगे कर्मचारियों के लिए त्यौहारी सीजन में राहत भरी खबर है। राज्य की भाजपा सरकार अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत उन्हें भी पक्के कर्मचारियों की
तरह समान काम के लिए समान वेतन देने को तैयार हो गई है। इसके साथ ही उन्हें कैश लेस मेडिकल सुविधा देने और रेगुलराइजेशन पॉलिसी-2011 के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को नियमित करने का भी फैसला किया है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हरियाणा कर्मचारी महासंघ की सीएम मनोहर लाल के साथ सोमवार शाम हुई बातचीत में कई मांगों पर सहमति बनी। इस मीटिंग में हरियाणा कर्मचारी महासंघ की ओर से प्रांतीय प्रधान कंवर सिंह यादव, महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़, वरिष्ठ उप प्रधान विश्वनाथ शर्मा, मुख्य संगठनकर्ता कुलभूषण शर्मा, वित्त सचिव दिलबाग अहलावत, प्रांतीय महासचिव नरेंद्र धीमान, एचएसईबी के प्रांतीय महासचिव बाल कुमार शर्मा, एमपीएस डब्ल्यू प्रदेश अध्यक्ष सुशीला ढांडा, आंगनबाड़ी प्रधान परमजीत कौर समेत कई लोग शामिल थे। 
मीटिंग के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत लगे कर्मचारियों के लिए समान कार्य-समान वेतन नीति को लागू करेगी। साथ ही 1 नवंबर, 2017 से कॉर्डियक इमरजेंसी, ब्रेन हेमरेज, थर्ड स्टेज कैंसर और दुर्घटना जैसे घातक मामलों में कैश लेस मेडिकल सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही रेगुलराइजेशन पॉलिसी-2011 के दायरे में आने वाले सभी कर्मचारियों को रेगुलराइज किया जाएगा। 

इन मांगों पर बनी सहमति: हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र धनखड़ के मुताबिक जिन अन्य मांगों पर सहमति बनी है। उनमें राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान भत्तों को लेकर वित्त विभाग के एसीएस पी. राघवेंद्र राव कमेटी अक्टूबर में अपनी रिपोर्ट देगी। सरकार 1 नवंबर से इन्हें लागू करेगी। जिस विभाग में कर्मचारियों की संख्या 1000 से ज्यादा होगी, वहां विभागीय स्तर पर तबादला नीति बनाई जाएगी।
हरियाणा रोडवेज के बेडे में 300 बसें चुकी हैं। जबकि 150 बसों के टेंडर किए जा चुके हैं। अब सरकार ने हर साल 2000 बसें शामिल करने का भरोसा दिलाया है। सभी विभागों में खाली पड़े पदों पर जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। महिला स्वास्थ्य कर्मियों को भी अब पुरुषों के समान पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी।