साभार: जागरण समाचार
शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2012 में अधिसूचित किए गए सर्विस रूल में जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति के लिए स्नातक में 50 फीसद अंकों की शर्त खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका
में इस शर्त को अतार्किक बताते हुए इसे रद करने की मांग की गई है। जस्टिस महेश ग्रोवर व जस्टिस राज शेखर अत्री की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, निदेशक, विद्यालय शिक्षा हरियाणा, डीईईओ झज्जर, बीईईओ बहादुरगढ़ सहित एनसीटीई के चेयरपर्सन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
राजकीय प्राथमिक पाठशाला हसनपुरा जिला झज्जर में कार्यरत जेबीटी शिक्षिका सुनीता ने अधिवक्ता जगबीर मलिक में माध्यम से दायर याचिका में कहा कि उसने जेबीटी से गणित विषय के टीजीटी पद पर पदोन्नति के लिए आवेदन किया था, लेकिन स्नातक में 50 फीसद अंक न होने के कारण उसे अयोग्य ठहरा दिया। याची ने बताया कि 1998 के सर्विस रूल में पदोन्नति हेतु स्नातक में 50 फीसद अंकों की अनिवार्यता का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 2012 में अधिसूचित सर्विस रूल में जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति के लिए स्नातक में 50 फीसद अंकों की अव्यवहारिक शर्त लगा दी गई। ऐसे में 10-15 साल पहले स्नातक कर चुके उम्मीदवार अब भला 50 फीसद अंक कैसे प्राप्त करे। राजस्थान व उत्तराखंड हाई कोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट भी ऐसी शर्त को गलत ठहरा चुके हैं। याची की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस महेश ग्रोवर व जस्टिस राज शेखर अत्री की बेंच ने सबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।