साभार: भास्कर समाचार
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि अब आवेदकों की डिग्री पर कोई विश्वास नहीं कर रहा है। इसी वजह से लिखित परीक्षा साक्षात्कार के आधार पर रोजगार दिया जा रहा है। यह नौबत उन संस्थानों की वजह से आई, जो शिक्षा
के नाम पर दुकान चला रहे हैं। वे केवल परीक्षा के लिए विद्यार्थी को बुला लेते हैं। इस सिस्टम को रोकना है। प्रदेश सरकार ऐसे शिक्षक संस्थानों की जांच करवाएगी। सरकारी स्कूलों के बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से वंचित हैं, इसलिए प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए 5 हजार स्थाई अध्यापकों की भर्ती करेगी। कंप्यूटर को रेग्यूलर कोर्स में शामिल किया जाएगा। सीएम शनिवार को अशोका यूनिवर्सिटी में हरियाणा कैसे बनेगा उच्च शिक्षा का पावर हाउस विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के समापन पर बोल रहे थे। सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 21 नए कालेजों की शुरुआत की है। 27 और स्थान तलाश किए हैं, जहां पर हम जल्द नए कालेजों की सौगात देंगे। शिक्षा को समाज का दर्पण बताते हुए सीएम ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति का पैमाना है। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में केजी से पीजी तक की शिक्षा का ध्यान रखना है।
सीएम ने जताई चिंता सौ यूनिवर्सिटीज में केवल एक को रैकिंग: सीएम मनोहर लाल ने कहा कि देश की सौ टॉप यूनिवर्सिटी में भी प्रदेश की मात्र एक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी शामिल है। यह 46 अन्य यूनिवर्सिटीज के लिए भी चिंता का विषय हैं। हमें वर्ल्ड रैकिंग में स्थान पाना है तो यूनिवर्सिटीज में अनुसंधान की गुणवत्ता और पाठ्यक्रमों को उद्योग आज की आवश्यकता के अनुरूप तैयार करना होगा।