Sunday, September 17, 2017

पत्रकार छत्रपति और रणजीत हत्याकांड में फाइनल बहस शुरू, VC से हुई गुरमीत की पेशी

साभार: जागरण समाचार
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के पूर्व मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड की सुनवाई अब सीबीआइ कोर्ट में अलग-अलग होगी। शनिवार को दोनों केस सुनवाई के लिए रखे गए थे, लेकिन सीबीआइ
ने पहले रणजीत मर्डर केस में 31 गवाहों के बयान पढ़कर सुनाए। मामले की सुनवाई सोमवार को भी होगी। गुरमीत की पेशी सुनारिया जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हुई। 
रणजीत सिंह हत्याकांड में अभियुक्त कृष्ण लाल, अवतार सिंह, जसबीर, सबदिल और इन्द्रसेन कोर्ट में पेश हुए। दूसरी ओर, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में अभियुक्त निर्मल सिंह, कृष्ण लाल और कुलदीप पेश किए गए। रामचंद्र छत्रपति केस में फाइनल बहस 22 सितंबर से शुरू होगी।
सीबीआइ ने अदालत को बताया कि रणजीत हत्याकांड में तीन गवाह महत्वपूर्ण थे। इनमें दो चश्मदीद सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह हैं, जिन्होंने अभियुक्तों को रणजीत सिंह पर गोली चलाते हुए देखा था। तीसरा गवाह गुरमीत का ड्राइवर खट्टा सिंह था, जिसके सामने रणजीत को मारने के लिए कहा गया था। 10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा में मैनेजर रहे रणजीत सिंह की हत्या हो गई थी। वह यौन शोषण मामले में साध्वी के गुमनाम खत के सामने आने से कुछ समय पहले ही अपनी बहन के साथ डेरा छोड़कर अपने घर कुरुक्षेत्र चला गया था। गुरमीत को शक था कि उक्त खत के पीछे रणजीत सिंह ही है। पहले उसे समझाने का प्रयास किया गया। बाद में गुरमीत के कहने पर ही रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई। गुरमीत के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने अपने बयान में कहा था कि गुरमीत ने उसके सामने ही रणजीत को मारने के लिए बोला था। हालांकि बाद में खट्टा सिंह अदालत के सामने बयान से मुकर गया था। अब खट्टा सिंह फिर से कोर्ट में पेश हो गया है। उसने बताया कि पहले वह डर के कारण मुकर गया था, लेकिन अब दोबारा बयान देना चाहता है। सीबीआइ वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि करीब सात घंटे तक चली कार्यवाही के दौरान सीबीआइ की ओर से रणजीत सिंह हत्याकांड में 31 गवाहों के बयान पढ़कर सुनाए गए।