Monday, September 18, 2017

भविष्य में टेक्नोलॉजी ही आपकी पुलिस, मित्र और मार्गदर्शक होगी

साभार: भास्कर समाचार
एन. रघुरामन (मैनजमेंटगुरु)
स्टोरी 1: यदि कोई आपको बताए कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कर चोरी करने वाले लोगों को पकड़ने में आयकर विभाग की मदद करता है तो कृपया इस बात पर भरोसा कीजिए। हाल ही में एक आयकर
दाता ने अपनी खेती की जमीन बेचकर हुई आय पर छूट का दावा किया। आयकर कानून के मुताबिक छूट तभी मिलती है जब बेचने के पहले खेती की जमीन का उपयोग कम से कम दो साल कृषि के उद्‌देश्य से हुआ हो। गलत सूचना के संदेह में गुजरात के आयकर अधिकारियों ने गए हफ्ते इसरो से संपर्क किया और पिछले तीन वर्षों के दौरान लिए गए जमीन के उपग्रह चित्र हासिल किए। इसरो के वैज्ञानिक आकलन के आधार पर आयकर विभाग यह साबित कर सका कि जमीन बंजर थी और फसलें लेने के लिए उसका इस्तेमाल नहीं हुआ था। आयकर दाता का कैपिटल गैन्स टैक्स में छूट का दावा खारिज कर दिया गया और उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। आयकर विभाग का नया मंत्र यह है कि टैक्स के जाल से कोई भी बचना नहीं चाहिए। इसके लिए आयकर विभाग अपने अधिकार-क्षेत्र में मौजूद सारे साधनों का इस्तेमाल तो कर ही रहा है बल्कि वह अन्य सरकारी एजेंसियों जैसे इसरो, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, सेबी, आरटीओ, सारे बैंक, कंपनी रजिस्ट्रार, भू-रजिस्ट्रार आदि की मदद ले रहा है ताकि कर देने से बचने के लिए गलत दावे करने वालों को पकड़ा जा सके। 
स्टोरी 2: यह ज्ञात तथ्य है कि बाल विवाह के मामलों में बिहार राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण भी यही कहता है। इस सामाजिक अभिशाप पर रोक लगाने के लिए अधिकतर एनजीओ वाले 270 संगठनों के महासंघ 'जेंडर अलायंस' ने रविवार को पटना में एंड्रायड एप्लीकेशन 'बंधन तोड़' जारी किया। 
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि की पहल से विकसित यह एप्लीकेशन किसी भी व्यक्ति को बाल विवाह और दहेज मामलों के खिलाफ आगाह करने में मददगार होगा। अगली बार यदि किसी को भी दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है या किसी नाबालिग का विवाह किया जा रहा हो तो कोई भी फोन पर एक स्वाइप से अधिकारियों को आगाह कर सकता है। 
मोबाइल अप्लीकेशन गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध होगा। इसमें एक अनोखा 'सेन्सर ऑब्जर्वेशन सर्विस' (एसओएस) फीचर होगा। एसओएस स्लाइडर को दबाने से तत्काल संबंधित इमरजेंसी नंबर पर इमरजेंसी मैसेज भेज दिया जाएगा। उम्मीद है कि संकट में फंसे व्यक्ति को दो घंटे में मदद मिल जाएगी। कोई भी 'बंधन तोड़' पर अपना विवरण देकर रजिस्टर कर सकता है। पीड़ित व्यक्ति या उसके किसी मित्र की ओर से एसओएस भेजे जाने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी जेंडर अलायंस मॉनिटरिंग सेल और स्थानीय नागरिक संगठनों को भेज दी जाएगी। वे उस नंबर पर यूज़र से संपर्क करेंगे और पूरी जानकारी मिलने के बाद उचित कार्रवाई करने के लिए जिला अधिकारियों को अलर्ट कर देंगे। 
स्टोरी 3: राउरकेला स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पूर्व छात्र गौरव पटनायक और अभिषेक अग्रवाल को एक मौका नज़र आया। एक तरफ तो छात्र देश के प्रमुख मैनेजमेंट संस्थानों में प्रवेश के लिए संघर्ष कर रहे हैं और दूसरी तरफ उन्हें इसके लिए मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं है। उनका यह भी दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा को 'लेक्चर' से आगे बढ़कर 'लर्निंग' सिस्टम की ओर बढ़ना चाहिए। 
उन्होंने अपने नए उपक्रम जीएजी (www.justaskgaurav.com) में डीप लर्निंग कन्टेंट और टेक्नीक विकसित की है, जिनमें से कुछ तो दुनिया के शीर्ष बिज़नेस स्कूलों से प्रेरित हैं। उन्हें अहसास हुआ कि एक बार विद्यार्थी लर्निंग के बुनियादी पहलुओं को समझ ले तो वे ज्ञान की गहरी अंतर्दृष्टि वाली यात्रा पर निकल पड़ते हैं। 
वेबसाइट 112 देशों के 132 बिज़नेस स्कूलों के ग्रेजुएट मैनेजमेंट प्रोग्राम में प्रवेश हेतु ली जाने वाली जीआई और जीमैट जैसी परिक्षाओं के लिए क्लासरूम टीचिंग उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट, टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज़ फॉरेन लैंग्वेज (टीओईएफएल) और इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आईईएलटीएस) के लिए भी सेवाएं दे रहे हैं। कई लोग वैश्विक प्रतिष्ठा वाली यूनिवर्सिटी में प्रवेश पाने में कामयाब भी रहे हैं।