साभार: भास्कर समाचार
बीएचयू मामले की न्यायिक जांच होगी। बीएचयू प्रशासन ने इस पूरी घटना की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज वीके. दीक्षित की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है। जो 21
सितंबर से शुरू हुए धरने से लेकर 23 सितंबर की रात लाठीचार्ज तक मामले की जांच करेगी। हालांकि, अपर मजिस्ट्रेट (प्रशासन) मुनीन्द्र नाथ उपाध्याय को पहले ही जांच सौंपी जा चुकी है। लखनऊ/वाराणसी | बीएचयूमें लाठीचार्ज मामले में वाराणसी कमिश्नर ने मंगलवार को सरकार को रिपोर्ट सौंप दी। उन्होंने मामले को सही तरीके से हैंडल कर पाने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन को दोषी ठहराया है। यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार को सौंपी गई रिपोर्ट में वाराणसी के कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने बताया है कि बीएचयू प्रशासन ने पीड़ित छात्राओं की शिकायत को संवेदनशील तरीके से हैंडल नहीं किया। ही वक्त रहते कोई समाधान किया। तत्काल मामले को सुलझाते तो इतना बड़ा विवाद खड़ा नहीं होता। रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बड़ा दोष प्रशासन का ही है, वह चाहते तो यह मामला आराम से निपट सकता था। इस बीच बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि परिसर में छात्राओं पर लाठीचार्ज नहीं हुआ। कार्रवाई उन पर की गई थी जो पेट्रोल बम फेंक रहे थे और पत्थरबाजी कर रहे थे।