Sunday, September 24, 2017

खेल कोटे से नौकरी के बाद पैसों के लिए प्रोफेशनल खेलने का मामला गंभीर - High Court

साभार: जागरण समाचार 
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि खेल कोटे से अच्छी नौकरी लेने के बाद पैसे कमाने के लिए प्रोफेशनल खेलने का मामला गंभीर है। सरकार इस मामले में अपना पक्ष रखे, ताकि फैसला हो सके। हाईकोर्ट ने यह
टिप्पणी बॉक्सर विजेंद्र सिंह के मामले में लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए कही। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को बहस के लिए समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। 
इससे पहले सुनवाई शुरू होने पर मामले से संबंधित सरकारी वकील पेश नही हुए और अन्य सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने विजेंद्र सिंह को प्रोफेशनल खेलने की मंजूरी दे दी थी, इसलिए अब इस मामले का कोई औचित्य नहीं है। इस पर बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट में दो मामले थे, एक विजेंद्र सिंह ने छुट्टी लेने संबंधी और दूसरा हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। विजेंद्र को छुट्टी देने का मामला निपट गया है, लेकिन खेल कोटे से सरकारी नौकरी लेने के बाद पैसे के लिए प्रोफेशनल खेलने को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस पर नीति बनाने और भविष्य के लिए सचेत होना जरूरी है।
हाई कोर्ट ने लिया था संज्ञान: हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश बिंदल ने बॉक्सर विजेंद्र सिंह के पैसा कमाने के लिए प्रोफेशनल मुक्केबाजी में उतरने के लिए विदेशी कंपनी से करार की खबरों पर संज्ञान लिया हुआ हैं। हाई कोर्ट ने अपने संज्ञान में कहा है कि विजेंद्र सिंह के इस फैसले से देश के लाखों खेलप्रेमियों का दिल टूट गया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह नहीं सोचना चाहिए कि देश ने हमें क्या दिया, बल्कि यह सोचना चाहिए कि हमने देश को क्या किया। बेंच ने कहा कि सरकारी पैसे से प्रशिक्षण लेने के बाद मौका मिलते ही पैसों के लिए खेलना उचित नहीं है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जो खिलाड़ी यह सब लाभ लेने के बाद देश के लिए खेलना छोड़ देते है, उनको दिए गए सभी लाभ चाहे वे पद हो, पैसा या प्लॉट, सभी वापस ले लिए जाने चाहिए।