लिजो जॉय ने इसी साल 12वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन में पास की, वो भी 79.7% के साथ। इसके बावजूद उसे मनपसंद कॉलेज में दाखिला पाने के लिए भटकना पड़ा। लिजो ने एक काॅलेज में तो मेरिट की 5वीं कट ऑफ
लिस्ट आने तक का इंतजार किया, लेकिन इस लिस्ट में भी उसका नाम नहीं आया। जबकि उसके कई दोस्तों को 50% नंबर लाने के बाद भी मनपसंद कॉलेज में एडमिशन मिल गए। इससे निराश लिजो ने अब पढ़ाई छोड़कर किसान बनने का फैसला किया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। तिरुवनंतपुरम के रहने वाले लिजो ने अपनी इस कहानी को फेसबुक पर लोगों के साथ शेयर किया है। पोस्ट के साथ उसने तीन फोटो भी डाली है, जिसमें वह फावड़ा लेकर खेत में खुदाई कर रहा है। लिजो का कहना है कि उसे खेती करने का विकल्प इसलिए चुनना पड़ रहा है, क्योंकि मौजूदा एजुकेशन सिस्टम में आरक्षण की बहुत खराब व्यवस्था है। किसान होने पर उसे गर्व है, पर उसने यह पेशा मजबूरी में चुना है। वह आरक्षण व्यवस्था के चलते किसान बन रहा है। लिजो की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लिजो की पूरी पोस्ट पढ़ें... लिजो जॉय ने अपने फेसबुक अकाउंट पर यह फोटो शेयर की है। साथ में लिखा है, मैं इसी जगह रहता हूं, अब इसे साफ कर खेती करूंगा। पांच अलॉटमेंट के बाद भी मुझे ग्रेजुएशन में एडमिशन नहीं मिल सका है। हमारा एजुकेशन सिस्टम बिल्कुल अच्छा नहीं है। मेरे साथ पढ़ाई करने वाले लड़के जिन्हें केवल 50% नंबर मिले थे, उन्होंने जहां चाहा, वहां एडमिशन ले लिया। जबकि मैं 79.7% के बाद भी बिना एडमिशन के हूं। मैंने एडमिशन प्रक्रिया के दौरान एक सच सीखा हूं, वो यह है कि सिवाय आरक्षण और राजनीति के एडमिशन के लिए और कोई क्राइटेरिया नहीं है। मैं यहीं रहता हूं, इस जगह को साफ कर मैं खेती करूंगा। मैंने पढ़ाई के दौरान खेती की बात नहीं सोची थी, लेकिन अब करूंगा। कोई बात नहीं, मैं कितने साल का हूं। अब मैं मिट्टी की खुशबू टेस्ट करूंगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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