जीएसटी के जरिये देश की परोक्ष कर व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव लाने के बाद सरकार अब प्रत्यक्ष कर में व्यापक सुधार कर सकती है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार मौजूदा आयकर कानून को सरल
बनाने की दिशा में कदम उठा सकती है। ऐसा होने पर प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) के दिन बहुर सकते हैं, जो लंबे अरसे से ठंडे बस्ते में पड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार देर रात संसद के केंद्रीय कक्ष में जीएसटी लांच करने के मौके पर आयकर कानून को समझने में मुश्किलों की ओर ध्यान दिलाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन भी आयकर समझने को मुश्किल मानते थे। उन्होंने कहा था कि दुनिया में अगर कोई चीज समझना सबसे ज्यादा मुश्किल है, तो वह है आयकर। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अगर आइंस्टीन यहां होते तो पता नहीं वह इतने सारे टैक्स देखकर क्या कहते। प्रधानमंत्री के इस बयान को प्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार की जरूरत से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकार आने वाले दिनों में प्रत्यक्ष कर में सुधार के मोर्चे पर कदम बढ़ा सकती है। उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने आयकर कानून में सुधार के इरादे से ‘प्रत्यक्ष कर संहिता’ लाने की दिशा में कदम बढ़ाया था। उस समय सरकार ने इसे 5वीं लोकसभा में पेश भी किया था।
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साभार: भास्कर समाचार
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