Sunday, July 2, 2017

उत्तराखंड में भीख मांगना और देना हुआ अपराध, हो सकती है 5 साल की जेल

उत्तराखंड सरकार ने भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अब सार्वजनिक स्थलों पर भीख मांगते पकड़े जाने पर यह अपराध की श्रेणी में होगा और इसमें बगैर वारंट के गिरफ्तारी हो सकेगी। अधिनियम में अपराध
साबित होने पर जुर्माने के साथ एक से तीन साल की सजा का प्रावधान है। दूसरी बार अपराध सिद्ध होने पर सजा की अवधि पांच साल तक हो सकती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। निजी स्थलों पर भिक्षावृत्ति की लिखित और मौखिक शिकायत पर अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई होगी। सार्वजनिक स्थलों पर भीख देने को भी अपराध की श्रेणी में माना गया है। इस तरह भीख देना और लेना दोनों अपराध श्रेणी में होंगे। समाज कल्याण विभाग ने उत्तर प्रदेश भिक्षावृत्ति प्रतिषेध अधिनियम 1975 की धाराओं में संशोधन किया है। 
14 साल तक के बच्चे नहीं मांग सकते भीख: किशोरन्याय अधिनियम के तहत अभी तक 14 साल तक के बच्चों से भिक्षावृत्ति को संज्ञेय अपराध माना गया था और इस पर पूरी तरह से रोक थी। मगर अब सभी उम्र के लोगों पर सार्वजनिक स्थलों में भीख मांगने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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