सिक्किम सीमा पर सेनाओं में तनातनी के बीच चीन ने कहा है कि भारतीय सेना के दोंगलांग इलाके से हटने पर ही बातचीत हो सकती है। चीन ने इसपर अपना दावा किया है। पड़ोसी देश ने भारतीय सीमा के नजदीक तिब्बत
में एक हल्के वजन वाले युद्धक टैंक का परीक्षण भी किया है। वहीं 1962 के युद्ध की याद दिलाते हुए कहा है कि इतिहास से सबक लेना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, 'हम भारत से सेना को अपनी सीमा में बुलाने का आग्रह कर रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सेना हटाने तक भारत से सीमा विवाद पर कोई बातचीत नहीं हो सकती।' उन्होंने विवादित क्षेत्र की स्थिति को लेकर फोटो भी जारी किया और कहा कि इसे विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर भी पोस्ट किया जाएगा। हमने राजनयिक स्तर पर विरोध दर्ज कराया है। सिक्किम के दाेंगलांग में दोनों देशों की सेनाओं के बीच धक्का-मुक्की हुई थी। दोंगलांग को चीन अपना हिस्सा बताता है। इस इलाके में सड़क बनाने पर भूटान के विरोध को दरकिनार करते हुए चीन ने कहा कि इस सड़क का निर्माण कानूनी तौर पर चीन की सीमा में हो रहा है। वहीं चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने दोंगलांग में चीनी सेना की घुसपैठ का भूटान का आरोप खारिज कर दिया। कहा कि चीनी सेना अपने क्षेत्र में ही है।
सीमा के नजदीक 35 टन के युद्धक टैंक का परीक्षण: चीन ने तिब्बत में 35 टन के युद्धक टैंक का परीक्षण किया है। चीनी सेना के प्रवक्ता मीडिया में आई उन खबरों पर बयान दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि चीन ने तिब्बत में भारतीय सीमा के पास एक हल्के युद्धक टैंक के साथ अभ्यास किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह परीक्षण भारत के खिलाफ है, चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा, 'इसका मकसद केवल टैंक का परीक्षण करना था।'
1962 युद्ध की याद दिलाई कहा- सबक ले भारतीय सेना: भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि चीन, पाकिस्तान के साथ ही अंदरूनी खतरों से निपटने को तैयार है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे गैरजिम्मेदाराना बताया है। उन्हाेंने कहा कि भारतीय सेना को इतिहास से सबक सीखना चाहिए और इस तरह से युद्ध की बात नहीं करना चाहिए।
1962 युद्ध की याद दिलाई कहा- सबक ले भारतीय सेना: भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि चीन, पाकिस्तान के साथ ही अंदरूनी खतरों से निपटने को तैयार है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे गैरजिम्मेदाराना बताया है। उन्हाेंने कहा कि भारतीय सेना को इतिहास से सबक सीखना चाहिए और इस तरह से युद्ध की बात नहीं करना चाहिए।
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साभार: भास्कर समाचार
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