चीनी सेना की टुकड़ी ने सिक्किम में फिर भारतीय इलाके में घुसपैठ की है। मामला जून के पहले हफ्ते का है, लेकिन इससे जुड़ा वीडियो सोमवार को सामने आया। डोका ला क्षेत्र में पहले तो भारतीय सेना और पीपल्स
लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के बीच आमना-सामना होने पर हाथापाई हुई। फिर चीनी सैनिक भारतीय इलाके में घुस आए और दो बंकर तोड़ दिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। चीनी सैनिकों को रोकने के लिए भारतीय सैनिकाें को जद्दोजहद करनी पड़ी। भारतीय सैनिकों ने लाइन आॅफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास मानव शृंखला बनाकर चीनियों को रोकने की कोशिश की, पर वह धक्का-मुक्की करते रहे। तोड़े गए अस्थायी बंकर डोका ला के लालटन इलाके में स्थित थे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस घटनाक्रम के बाद से इस क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर तनाव बना हुआ है। चीनी सैनिकों की घुसपैठ और तोड़फोड़ का यह यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी चरम पर है। भारत द्वारा चीन के वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) शिखर सम्मेलन का बायकॉट और चीन द्वारा एनएसजी में भारत की एंट्री रोकने जैसे मुद्दे रिश्तों में कड़वाहट की वजह हैं।
चीन ने नहीं बताई कैलाश यात्रियों को रोकने की वजह: चीन ने सोमवार को यह बताने से साफ इनकार कर दिया कि उसने कैलाश मानसरोवर जा रहे 47 भारतीय श्रद्धालुओं को क्यों रोका। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने सिर्फ इतना कहा, 'दोनों देशों के विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर संपर्क में हैं।' नाथु-ला दर्रे के रास्ते 23 जून को मानसरोवर जा रहे पहले जत्थे को चीन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रोक दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने तिब्बत में भूस्खलन के चलते यह कदम उठाया है। भारतीय श्रद्धालुओं के लिए नाथु-ला दर्रा 2015 में खोला गया था। इस साल 350 यात्रियों ने इस रास्ते यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके अलावा उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रा से भी यात्री मानसरोवर जाते हैं, लेकिन यह काफी लंबा है।
20जून की फ्लैग मीटिंग में चीनी सेना ने कहा था- कैलाश यात्रियों को तिब्बत में नहीं घुसने देंगे: जून के पहले हफ्ते से शुरू हुआ तनाव कम करने के लिए भारतीय सेना ने पीएलए से फ्लैग मीटिंग के दो आग्रह किए थे। लेकिन दोनों ही खारिज कर दिए गए। आखिरकार 20 जून को चीनी पक्ष फ्लैग मीटिंग के लिए तैयार हुआ। सूत्रों के अनुसार इसी बैठक में चीनी अधिकारियों ने बता दिया था कि कैलाश मानसरोवर के यात्रियों को नाथु-ला दर्रे के रास्ते तिब्बत में नहीं घुसने देंगे। 47 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को 19 जून को प्रवेश करना था, लेकिन उन्हें 23 जून तक रोके रखा। इसके बाद उन्हें सिक्किम की राजधानी गंगटोक भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार चीन ने बताया कि एक पुल टूटने की वजह से श्रद्धालु तिब्बत को पार नहीं कर पाएंगे।
चीनी सेना ने भारत पर जड़ा उकसाने का आरोप: देर रात चीनी सेना ने एक बयान जारी कर हाथापाई की घटना के लिए भारतीय सेना पर ही उकसाने का आरोप जड़ दिया। पीएलए ने कहा कि चीनी सैनिक अपने सीमा क्षेत्र में डोंगलॉन्ग क्षेत्र में सड़क निर्माण कर रहे थे। लेकिन भारतीय सेना ने यह सड़क निर्माण कार्य बाधित कर दिया।
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साभार: भास्कर समाचार
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