Tuesday, June 27, 2017

डोनाल्ड ट्रम्प और नरेंद्र मोदी बैठे साथ और सलाहुद्दीन घोषित हो गया 'इंटरनेशनल आतंकी'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार रात 1.20 बजे (भारतीय समय) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिले। दोनों ने 20 मिनट तक अकेले में बातचीत की। यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी। इस दौरान आतंकवाद से
मुकाबला, रक्षा सहयोग, एच1बी वीसा सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। मोदी-ट्रम्प की मुलाकात से ऐन पहले अमेरिका ने कश्मीरी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। इसे पाक प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की बड़ी जीत माना जा रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पाकिस्तान में रह रहा 71 साल का सलाहुद्दीन एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है। भारत ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों देश आतंकवाद के समान खतरे का सामना कर रहे हैं। अमेरिका विशेष रूप से नामित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी की लिस्ट में उन लोगों को शामिल करता है, जिन्होंने आतंकी वारदात को अंजाम दिया हो या उससे कोई खतरा हो। यह खतरा अमेरिकी नागरिकों, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या अर्थव्यवस्था को हो सकता है। अमेरिका की यह घोषणा मोदी की अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस और विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के साथ हुई अलग-अलग मुलाकातों के बाद हुई। मोदी और ट्रम्प की मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर पर बातचीत शुरू हुई। इसके बाद संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। 
कश्मीर में चुनाव लड़ चुका है सलाहुद्दीन: कश्मीर के बडगाम के रहने वाले सलाहुद्दीन ने 1987 में मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर श्रीनगर की अमीराकदाल विधानसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गया। 1989 में गिरफ्तारी और रिहाई के दौरान हिंसक प्रदर्शनों के बाद उसने हिजबुल मुजाहिदीन ज्वाइन किया और जल्द ही उसका चीफ बन गया। 
बुरहान को नवाज ने कहा था हीरो: हिजबुल चीफ सलाहुद्दीन को अमेरिका द्वारा ग्लोबल आतंकी घोषित करना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है। पिछले साल जुलाई में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उसे यूएन में हीरो बताया था। अमेरिका के इस फैसले के बाद पाकिस्तान को भी अपने यहां शरण पाए बैठे सलाहुद्दीन के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे। बुरहान वानी की मौत के बाद हुए ज्यादातर आतंकी हमलों, पत्थरबाजी और प्रदर्शनों में हिजबुल का हाथ माना जा रहा है। 
अमेरिकी विदेश विभाग के आदेश में कहा गया है कि सलाहुद्दीन उर्फ सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह ने सितंबर, 2016 में कश्मीर समस्या का शांतिपूर्ण समाधान नहीं होने की चेतावनी दी थी। उसने घाटी को भारतीय फौज की कब्रगाह बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कश्मीरी आत्मघाती हमलावरों को ट्रेनिंग देने की बात कही थी। सलाहुद्दीन के वक्त में हिजबुल ने कई हमलों की जिम्मेदारी ली है। इनमें जम्मू-कश्मीर में हुआ अप्रैल 2014 का ब्लास्ट भी शामिल है, जिसमें 17 लोग घायल हुए थे। 
पीएम मोदी के व्हाइट हाउस पहुंचने से पहले ही डोनाल्ड ट्रम्प आैर उनकी पत्नी मेलानिया अगवानी के लिए बाहर खड़े हो गए थे। मुलाकात के दौरान ट्रम्प ने मोदी के काम की तारीफ की। बादमें साझा बयान में आतंकवाद, सामरिक और अफगानिस्तान में अस्थिरता जैसे मुद्दों पर एक-दूसरे के सहयोग का भरोसा दिया। आतंक से जुड़ी सूचनाओं का आदान-प्रदान और एक-दूसरे के आिर्थक िवकास में भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। ट्रंप ने भारत को अतुलनीय देश बताया, जबकि मोदी ने भारत-अमेरिका को िवकास का इंजन बताया।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.