Wednesday, June 28, 2017

मोदी-ट्रम्प की बनी 'कसूती केमिस्ट्री': चीन को इशारा, पाक को चेतावनी - जानिए पूरी अपडेट

छह माह पहले डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि नया प्रशासन भारत के साथ रिश्तों को गंभीरता देगा या नहीं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच हुई
द्विपक्षीय मुलाकात और उसके बाद अधिकारी स्तरीय बातचीत का दो टूक फलसफा यह है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते पहले से भी ज्यादा प्रगाढ़ और परस्पर हितों का ख्याल रखने वाले होंगे। ट्रंप की अगुआई में अमेरिकी सरकार ने चीन और पाकिस्तान के खिलाफ हर संवेदनशील मुद्दे पर भारत का खुलकर समर्थन किया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। व्यक्तिगत स्तर पर भी मोदी और ट्रंप की पहली मुलाकात से साफ दिखा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के नेताओं के बीच अच्छी केमिस्ट्री बनी है। जब मोदी और ट्रंप की वार्ता चल रही थी तो उसमें ट्रंप की पत्नी मिलेनिया ट्रंप ने भी थोड़ी देर के लिए शिरकत की। बाद में रात्रि भोज में मोदी ने ट्रंप की बेटी और उनकी राजनीतिक सलाहकार इवांका ट्रंप को भारत आने के लिए आमंत्रित भी किया। इवांका ने बाद में ट्वीट कर इस निमंत्रण के लिए मोदी को धन्यवाद दिया। माना जा रहा है कि अगले महीने मोदी और ट्रंप की जी-20 देशों की बैठक में फिर से मुलाकात हो सकती है जिसमें वे सोमवार को की गई बातचीत की समीक्षा करेंगे।  
दक्षिण चीन सागर और ओबोर पर चर्चा: मोदी-ट्रंप के बीच दक्षिण चीन सागर को लेकर न सिर्फ विस्तृत बातचीत हुई बल्कि इस इलाके में चीन के प्रभुत्व को किस तरह से रोका जाए, इसकी रणनीति बनाने की तरफ भी संकेत दिए गए हैं। संयुक्त बयान में चीन की वन बेल्ट वन रोड (ओबोर) की तरफ भी इशारा किया गया है। इसमें कहा गया है कि दोनों देश आर्थिक तौर पर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी की योजनाओं का समर्थन करते हैं, लेकिन यह योजना सार्वभौमिकता का आदर करते हुए होना चाहिए। भारत कहता रहा है कि यह जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से से गुजरेगी जिस पर पाक ने कब्जा किया हुआ है।
क्या-क्या मिला भारत को:
  • समुद्र तट पर निगरानी करने के लिए ड्रोन तकनीक
  • ओबोर पर भारत की चिंताओं का परोक्ष समर्थन
  • पाक को आतंकी गतिविधियां रोकने के लिए सख्त चेतावनी
  • सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी की घोषणा
  • प्राकृतिक गैस का निर्यात जल्द शुरू करने का आश्वासन
  • अफगानिस्तान में भारत को और ज्यादा कार्य करने का बढ़ावा
  • नौसेना के लिए अत्याधुनिक तकनीक का आश्वासन
पाकिस्तान को दोहरा झटका: संयुक्त बयान में पहली बार भारत और अमेरिका ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को आगाह किया है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल दूसरे देशों में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिलाने के लिए न करे। साथ ही पाकिस्तान से यह भी कहा गया है कि वह मुंबई हमले और इस तरह के अन्य हमलों के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए कदम उठाए। यह कुछ ही घंटों के भीतर पाकिस्तान को दिया गया दूसरा झटका है। सनद रहे कि ट्रंप-मोदी मुलाकात से कुछ ही घंटे पहले अमेरिकी सरकार ने हिजबुल आतंकी सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया था। भारत और अमेरिका ने अलकायदा, हिजबुल, डी-कंपनी, लश्कर, जैश जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के खिलाफ भी सहयोग को और मजबूत करने की बात कही है।आतंकवाद पर केंद्रित रही बातचीतपाकिस्तान को दी गई चेतावनी इसलिए भी अहम है क्योंकि दोनों नेताओं की बातचीत अधिकांश समय आतंकवाद, इसके असर व इसे रोकने के सम्मलित प्रयासों के आस-पास केंद्रित रही। अमेरिका ने अफगानिस्तान में भारत की तरफ से किए जा रहे विकास कार्यो को सराहा तो खाड़ी में चल रहे आतंकरोधी अभियान में भी मदद का अनुरोध किया। नई ऊंचाई पर ले जाएंगे रणनीतिक साङोदारीट्रंप के साथ अपनी मुलाकात के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यह यात्र और ट्रंप के साथ वार्ता दोनों देशों के सहयोग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पृष्ठ होगा। क्योंकि यह भारत और अमेरिका के बीच परस्पर सहयोग व सहभागिता की चरम सीमाओं की उपलब्धि पर केंद्रित है। हम रणनीतिक साङोदारी को नई उंचाई पर ले जाएंगे।
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साभार: जागरण समाचार 
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