देश में लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। हालांकि, इसकी रफ्तार धीमी है। सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स यानी सामाजिक विकास सूचकांक की ताजा रिपोर्ट में भारत को 128 देशों की सूची में 93वां स्थान मिला है। इसमें
लोगों को सामान्य शिक्षा और मेडिकल सुविधाएं आसानी से मिलने के मामले में भारत को 85 अंक मिले हैं। पर उच्च शिक्षा अब भी लोगों की पहुंच से दूर बनी हुई है। इसके अलावा टॉलरेंस के मामले में भी भारत की रैंकिंग काफी नीचे है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ह्यूमन वेलबीइंग संस्था ने आधारभूत जरूरतों के आधार यह इंडेक्स तैयार किया है। यह बताता है कि किसी देश में भोजन, आवास, शिक्षा और व्यक्तिगत आजादी के मौकों में समानता की क्या स्थिति है। पोषक आहार, मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं, पानी, साफ-सफाई, घर और व्यक्तिगत सुरक्षा के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें भारत 58.39 अंक के साथ 93वें स्थान पर है। डेनमार्क 90.57 अंक के साथ सबसे ऊपर है। उसके बाद फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। भारत ने इस तरह के इंडेक्स में पिछले तीन साल में 9 स्थान का सुधार किया है। 2014 में भारत की रैंकिंग 132 देशों में 102 थी। जबकि पिछले साल यह रैंकिंग 98 तक पहुंच गई थी। ताजा रिपोर्ट में सामान्य शिक्षा, पोषण और मेडिकल सुविधाओं में भारत को 85 अंक मिले हैं। घर, निजी अधिकार और सुरक्षा में भी 60 से अधिक अंक हैं। पर टॉलरेंस, उच्च शिक्षा, बेहतर पर्यावरण में 50 से कम अंक हैं। सबसे कम 26 अंक सहनशीलता के लिए मिले हैं। आर्थिक रूप से तेजी से विकास कर रहे ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों में भारत सबसे नीचे है। ब्राजील 43वें, दक्षिण अफ्रीका 66वें, रूस 67वें, चीन 83वें और भारत 93वें स्थान पर है।
रिपोर्ट में भारत को आधारभूत जरूरतों में 66.74, खुशी में 61.15 और अवसरों में 47.29 अंक दिए गए हैं।
बड़े स्कोर वाले 4 क्षेत्र:
- सामान्य जानकारी तक पहुंच 85.57
- पोषण, सामान्य स्वास्थ्य सुविधा 84.64
- व्यक्तिगत अधिकार 72.30
- आवास 64.42
- टॉलरेंस 26.36
- उच्च शिक्षा तक पहुंच 32.05
- पर्यावरण की गुणवत्ता 47.01
- बेहतर स्वास्थ्य 55.91
दक्षिण एशियाई देशों में भी सबसे ऊंची रैंकिंग श्रीलंका की है। ताजा रैंकिंग में उसे 73वां स्थान मिला है। नेपाल (91) भी भारत से बेहतर स्थिति में है। जबकि, अफगानिस्तान (127) और पाकिस्तान (105) शीर्ष 100 देशों में जगह नहीं बना पाए। म्यांमार 96वें और बांग्लादेश 99वें स्थान पर हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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