डीयू में दाखिले की पहली कट ऑफ लिस्ट 100% तो नहीं, लेकिन 99.66% तक जरूर गई है। सवाल है कि हाई कट आॅफ पर क्या सामान्य छात्रों को दाखिला मिल पाएगा? चार साल पहले डीयू ने जब 100% कट ऑफ जारी
की ताे हंगामा हो गया। संसद में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को जवाब देना पड़ा। डीयू प्रशासन को हिदायत दी गई कि आगे से ऐसा न हाे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दो साल पहले तय हुआ कि मैरिट के बजाय एंट्रेस पर दाखिले होंगे। डीयू प्रिंसिपल एसोसिएशन के अध्यक्ष और डीडीयू कॉलेज के प्रिंसिपल डाॅ. एसके गर्ग बताते हैं कि हाई कट ऑफ का सबसे बड़ा कारण हर कॉलेज का यह डर है कि कहीं ज्यादा दाखिले हो जाएं। 4 साल पहले दयाल सिंह कॉलेज में कैमिस्ट्री ऑनर्स में 40 सीटों पर 300 से ज्यादा दाखिले हो गए थे। ऐसे हालात से बचने को कॉलेज पहली दूसरी कट ऑफ हाई जारी करते हैं। जिससे दाखिला भीड़ बंट जाए। दाखिले कम होने पर धीरे-धीरे कट ऑफ को गिराया जाता है और कॉलेज अपनी सीटें भरते हैं।
दाखिलों का ट्रेंड देख कट ऑफ गिराते जाते हैं डीयू के कॉलेज: दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज ने बीएससी ऑनर्स कोर्स के लिए 99.66% बीए ऑनर्स पॉलिटिकल साइंस के लिए 99% की कट ऑफ निकाली है। यह इस साल डीयू के किसी कॉलेज द्वारा जारी सबसे ऊंची पहली कट ऑफ लिस्ट है।
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साभार: भास्कर समाचार
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