रोहतक के मान सरोवर पार्क में संत गोपालदास के अनशन के 24वें दिन रविवार को गोभक्त सम्मेलन किया गया। इस दौरान सहकारिता राज्यमंत्री मनीष ग्रोवर हरियाणा गो सेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला
संत गोपालदास को मनाने पहुंचे। उन्होंने संत गोपालदास से मांगों को पूरा करने के लिए एक महीने का समय मांगा। उन्होंने कहा कि यदि गोपालदास अपना अनशन खत्म करते हैं तो उनके द्वारा चिह्नित किए गए 5 गांवों की गोचराण भूमि से कब्जा हटवाने का कार्य सोमवार से शुरू हो जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मिड-डे मील में गाय के दूध को शामिल करने की मांग पूरी होगी। साथ ही गुजरात में गठित गोचराण विकास बोर्ड की डिटेल मंगाने के बाद हरियाणा में बोर्ड गठन की कार्रवाई शुरू होगी। इस पर संत ने उन्हें खरी-खरी सुनाते हुए साफ कहा कि जब तक गोचराण विकास बोर्ड के गठन समेत 9 सूत्रीय मांगों की अधिकारिक घोषणा और उस पर अमल नहीं हो जाता, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा। मंत्री और संत के बीच चली दो दौर की वार्ता सिरे नहीं चढ़ सकी।
तो भाजपाइयों को धार्मिक कार्यक्रमों में नहीं बुलाएंगे: सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए गोभक्तों ने सरकार की तुष्टीकरण नीति पर आक्रोश जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पर अतिशीघ्र अमल नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। साथ ही सरकार के साथ ही भाजपा के पदाधिकारियों का धार्मिक आयोजनों और मंदिरों में प्रवेश का बहिष्कार किया जाएगा। सम्मेलन में आचार्य विजयपाल, शमशेर आर्य समेत कई जिलों के गोभक्तों ने भाग लिया।
15 एकड़ भूमि लीज पर देने पर नहीं बनी सहमति: मंत्री ग्रोवर ने कहा कि संत गोपालदास ने जिन गांव से गोचराण भूमि के कब्जे छुड़वाने की बात कही है, उनमें से पांच गांव की भूमि पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएगा। इनमें खेवड़ा, दिपालपुर, वजीरपुर, मातनहेल ढींगसरा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संत द्वारा रखी गई मांग के अनुसार मिड-डे मील में गऊओं के दूध की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। संत द्वारा जो अन्य मांगें रखी हैं उनका भी सरकार अध्ययन कर रही है। इसके बाद आगामी निर्णय लिया जाएगा। गो सेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला ने संत गोपालदास को कहा कि एक रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 33 वर्ष के लिए 15 एकड़ भूमि एक हजार गोवंश रखने वाली गोशाला को, 1500 गोवंश रखने वाली गोशाला को 20 एकड़ और दो हजार या इससे ऊपर गोवंश रखने वाली गोशालाओं को 25 एकड़ गोचराण भूमि देने की बात कही, जिसे सिरे से खारिज कर दिया गया। संत ने प्रति गाय डेढ़ एकड़ गोचराण की जमीन बताते हुए कहा कि गो माता के हक में समझौता कत्तई बर्दाश्त नहीं होगा। इस मौके पर सरकार के नुमाइंदों को आक्रोश का भी सामना करना पड़ा। भक्तों ने गाेवंश के प्रति तीन वर्ष में किए गए कार्यों का हिसाब मांगा और गो सेवा आयोग के विरोध में नारेबाजी भी की। बाबा कर्णपुरी ने भी संत गोपालदास से बातचीत की।
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साभार: भास्कर समाचार
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