Monday, June 26, 2017

कॉलेज की पढ़ाई शुरू करने वाले विद्यार्थियों के लिए: कोर्स पर फोकस करें

पीयूष और अमित ने एक ही स्कूल से आर्ट स्ट्रीम से बारहवीं किया था। दोनों को 80 प्रतिशत से अधिक अंक मिले थे। अब उन्हें ग्रेजुएशन में एडमिशन लेना था। दोनों दिल्ली यूनिवर्सिटी के किसी अच्छे कॉलेज में
एडमिशन लेना चाहते थे, पर मुश्किल यह थी कि डीयू के प्रतिष्ठित कॉलेजों का कट-ऑफ बहुत हाई जाता था। ऐसे में उन्हें मनपसंद कॉलेज मिलना मुश्किल लग रहा था। एक बड़े कॉलेज में कम लोकप्रिय मानविकी के दूसरे विषय में संभावना दिखने पर अमित ने उसके लिए भी आवेदन कर दिया, जबकि पीयूष की इकोनॉमिक्स और कॉमर्स में काफी रुचि थी और वह सिर्फ इन्हीं में से किसी एक में दाखिला लेना चाहते थे। सिर्फ कॉलेज पर ध्यान देने वाले अमित को फिलॉसफी ऑनर्स में प्रवेश मिल गया। इससे वह बेहद खुश हुए। हालांकि इस विषय में उनकी कोई रुचि नहीं थी। उधर, पीयूष को एक मध्यम दर्जे के कॉलेज में इकोनॉमिक्स ऑनर्स में एडमिशन मिला। इकोनॉमिक्स में खूब मन लगने और अपडेटेड जानकारी रखने के कारण पीयूष का परफॉर्मेस अपेक्षा से कहीं अधिक बेहतर रहा और ऑनर्स के तीसरे साल में पहुंचते ही उन्हें देश की एक जानी-मानी बैंकिंग कंपनी से अच्छे पैकेज पर जॉब ऑफर मिल गया। दूसरी तरफ मन का विषय न होने के कारण अमित का परफॉर्मेस औसत ही रहा। इस विषय के साथ उन्हें एक भी जॉब ऑफर नहीं मिला। अब उनकी समझ में आ गया था कि सिर्फ कॉलेज पर फोकस करके बिना रुचि का कोई भी कोर्स कर लेने में तनिक भी समझदारी नहीं है। बहरहाल, पिछले साल औसत नंबरों से ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद अमित इन दिनों बैंक परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, जबकि पीयूष ने कॉलेज से निकलते ही प्रतिष्ठित निजी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में ज्वाइन कर लिया।
करियर का टर्निग प्वाइंट: बारहवीं के बाद कुछ भी पढ़ने या किसी भी कोर्स में प्रवेश ले लेने की बजाय अपनी पसंद के मुताबिक लक्ष्य तय करके कदम आगे बढ़ाना चाहिए। यह समय आपके करियर का सबसे बड़ा टर्निग प्वाइंट होता है। ऐसे में बिना विचारे आगे बढ़ने की बजाय बहुत सोच-विचार कर कोई निर्णय लेना चाहिए।
लक्ष्य लेकर बढ़ें आगे: इस समय अपनी रुचि और क्षमता को अच्छी तरह जांच-परख कर करियर का लक्ष्य तय करें और फिर उसी के मुताबिक क्रमश:आगे बढ़ें। इससे आप अपनी पसंद के विषय और क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर जॉब के नजरिए से अपना महत्व बढ़ा सकेंगे। मान लीजिए कि आप टीचिंग में प्रोफेशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए कोई ऐसा विषय चुनना होगा जो आपकी रुचि का हो। जिसमें आपका मन रमता हो।

खुलती हैं कई राहें: रुचि का विषय होने पर आप उसमें लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। वह विषय कभी भी आपके लिए उबाऊ नहीं होगा। मन रमने के कारण आप उस विषय से जुड़ी तमाम नई जानकारियों से भी खुद को अपडेट रखने के लिए सदा उत्सुक रहेंगे। अच्छा प्रदर्शन करने के कारण नंबर तो खुद ब खुद अच्छे आएंगे, साथ ही प्लेसमेंट के दौरान भी आप अपने गहरे ज्ञान से विशेषज्ञों को प्रभावित कर सकते हैं। 
इंडस्ट्री को समङों: एक बार अपनी पसंद की पढ़ाई आरंभ कर देने और उसमें लगातार मेहनत करने के अलावा आपको उससे संबंधित इंडस्ट्री/जॉब मॉर्केट पर भी नजर रखनी चाहिए। इन बदलावों पर नजर रखने से आप खुद को उसके मुताबिक तैयार कर सकेंगे।
बनें मल्टीटास्कर: अब जमाना विशेषज्ञता के साथ-साथ मल्टीटास्किंग का भी है। इसे देखते हुए अपने पैशन के विषय और काम में विशेषज्ञ तो बनें ही, साथ ही उससे जुड़े दूसरे कामों की भी अच्छी जानकारी रखें। इससे सबसे बड़ा फायदा तो यह होगा कि अगर कभी किसी काम में कंपनी को अचानक कटौती करनी पड़ती है, तो ऐसी स्थिति में दूसरे कई काम जानने के कारण आप आसानी से उनमें शिफ्ट किए जा सकते हैं। जो लोग लकीर के फकीर रहेंगे या दूसरे काम सीखने/जानने में दिलचस्पी नहीं लेंगे, ऐसी स्थिति आने पर कंपनी सबसे पहले उन्हें ही बाहर का रास्ता दिखाएगी।
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साभार: जागरण समाचार 
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