जीएसटी आने से बड़ी तादाद में नई नौकरियां निकलने की उम्मीद है। टैक्सेशन, अकाउंटिंग और डाटा एनालिसिस में तत्काल एक लाख जॉब्स निकलेंगी। विशेषज्ञों का मत है कि औपचारिक जॉब सेक्टर में सालाना
10-13 फीसदी ग्रोथ होगी। ऑटोमोबाइल, लॉजिस्टिक्स, होम डेकोर, ईकॉमर्स, मीडिया-एंटरटेनमेंट, सीमेंट, आईटी, बैंकिंग-फाइनेंस, कंज्यूमर ड्यूरेबल और टेलीकॉम में तत्काल लोगों की जरूरत होगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की प्रेसिडेंट ऋतुपर्ण चक्रवर्ती का कहना है कि जीएसटी से वस्तुओं की खरीद-बिक्री में तेजी आएगी। कैश फ्लो आसान होगा तो कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ेगा। इन सबके साथ कंप्लायंस में पारदर्शिता जरूरी होगी। इससे कंपनियों के लिए असंगठित क्षेत्र में बने रहने का आकर्षण कम होगा। यानी संगठित क्षेत्र तेजी से बढ़ेगा। इससे इस सेक्टर में नौकरियां 10-13 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेंगी। एक्जीक्यूटिव सर्च फर्म ग्लोबलहंट के एमडी सुनील गोयल के अनुसार जीएसटी लागू होने के बाद पहले तीन महीने में ही कम से कम एक लाख लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है। जीएसटी से जुड़ी गतिविधियों में 50-60 हजार और जॉब्स निकलेंगी। छोटी और मझोली (एसएमई) कंपनियां हिसाब-किताब के लिए थर्ड पार्टी अकाउंट फर्म को हायर कर सकती हैं। मॉन्सटरडॉटकॉम के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के एमडी संजय मोदी के मुताबिक बिजनेस करना आसान होने से विदेशी निवेशकों और कंपनियों में भारत के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। इससे भी औपचारिक क्षेत्र में मौके बढ़ेंगे। हालांकि लेबरनेट सर्विसेज की सीईओ गायत्री वासुदेवन के अनुसार नौकरियों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स की दिक्कतें दूर करनी पड़ेंगी।
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साभार: भास्कर समाचार
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