भारत अपनी हवाई सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए रूस से अति आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम खरीदेगा। एस 400 ट्रायंफ की इस खरीद पर भारत को लगभग 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। जल्द ही होने वाले अपने रूस दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर अंतिम मुहर लगा सकते हैं। इसी तरह सेना की जरूरत को देखते हुए लगभग 15 हजार करोड़ रुपये के पिनाक राकेट सिस्टम के सौदे को भी मंजूरी दी गई है।
यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सेना को अब सामान्य जीप की जगह 571 हल्के बुलेट प्रूफ वाहन भी उपयोग के लिए मिल सकेंगे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई रक्षा खरीद समिति ने कई अहम खरीद के फैसले लिए हैं। इसमें सबसे अहम है हवाई सुरक्षा के लिए पांच ‘एस 400 ट्रायंफ’ की खरीद। इनके जरिए चार सौ किलोमीटर तक की दूरी में उड़ते हुए विमान, मिसाइल और ड्रोन तक किसी भी लक्ष्य को निशाना बनाया जा सकता है। यहां तक कि इसकी मदद से बैलिस्टिक मिसाइल और हाइपरसोनिक लक्ष्यों को भी भेदा जा सकता है। माना जा रहा है कि यह सौदा लगभग 40 हजार करोड़ का होगा। लेकिन इस सौदे की अंतिम रकम दोनों सरकारों के बीच समझौते के आधार पर होगी। जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्र पर जाने वाले हैं। इसी तरह सेना के लिए पिनाक राकेट सिस्टम की खरीद को भी मंजूरी दे दी गई। मेक इन इंडिया के तहत छह राकेट सिस्टम खरीदे जाएंगे। हरेक में 18 लांचर होंगे। इस लांचर में एक साथ 12 राकेट दागने की क्षमता है। इस पर 14,600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सेना को अब महिंद्रा जीप की जगह हल्के बुलेट प्रूफ वाहन भी उपयोग के लिए मिलेंगे। इनका उपयोग वे आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियानों में कर सकेंगे। इस पर लगभग 310 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एयर डिफेंस सिस्टम के अलावा अन्य सौदों पर लगभग 25 हजार करोड़ खर्च होंगे। - ‘एस 400 ट्रायंफ’ हवा में चार सौ किमी तक हर तरह के लक्ष्य भेदेगा।
- जीप की जगह सेना को मिलेंगे 571 हल्के बुलेट प्रूफ वाहन
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साभार: जागरण समाचार
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