पटियाला हाउस की विशेष अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी से अंतरिम राहत अवधि 25 मार्च तक बढ़ा दी है। साथ ही ईडी ने अदालत में कहा कि वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अदालत ने सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि एजेंसी जब भी पूछताछ के लिए बुलाए, तो जाना होगा।
मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान ईडी ने वाड्रा की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया। ईडी ने अदालत को बताया कि वाड्रा प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जमानत मिलने पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर जांच प्रभावित कर सकते हैं। ईडी ने कहा कि वाड्रा ने राजनैतिक द्वेष में फंसाए जाने का जो आरोप लगाया है वह पूरी तरह से गलत है। ईडी के मुताबिक मामले की जांच बेहद गंभीर मोड़ पर है और कई ई-मेल, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाए गए हैं। इनसे वाड्रा की भूमिका सवालों के घेरे में हैं। अगली सुनवाई भी 25 मार्च को होगी।
वाड्रा के खिलाफ विदेश में संदिग्ध संपत्ति और बीकानेर में जमीन खरीदने की जांच चल रही है। उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर कई बार अंतरिम राहत मिल चुकी है। लंदन मे एक फ्लैट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा के खिलाफ केस दर्ज किया था। ईडी का आरोप है कि फ्लैट अरोड़ा का नहीं, बल्कि वाड्रा का है। जिसे हथियार डीलर संजय भंडारी से 2010 में खरीदा गया था।