साभार: जागरण समाचार
अल्पसंख्यकों को लेकर भारत को नसीहत देने वाले पाकिस्तान में इमरान खान के “नया पाकिस्तान” नारे को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। इस्लामाबाद में एक विवाहित ईसाई महिला साइमा इकबाल को
उसके घर से अगवा करके ले जाने वाले ने उसका जबरन धर्म परिवर्तन करके उससे जबरदस्ती निकाह कर लिया। 35 साल की साइमा के तीन बच्चे भी हैं।
पुलिस साइमा के पति नाविद की मदद करने के बजाय उन्हें चुप रहने की ताकीद दे रही है और उधर उनकी पत्नी को जबरिया अपनी बीबी बनाने वाला स्थानीय गुंडा खालिद सट्टी उन्हें धमकी दे रहा है कि अगर उन्होंने पुलिस में दी गई शिकायत वापस नहीं ली तो उनके साथ उनके तीनों बच्चों की भी खैर नहीं।
पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समाज को दहशत में डालने और अपमानित करने वाला यह शर्मनाक मामला बीती 25 फरवरी का है। घटना तब सामने आई जब साइमा के पति नाविद इकबाल ने अपनी आपबीती बयान करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला।
इस वीडियो के मुताबिक उनकी पत्नी को इस्लामाबाद टाउन के उनके घर से तब अगवा किया गया जब वह एक कॉल सेंटर में नाइट शिफ्ट की ड्यूटी करने गए थे। 26 फरवरी को सुबह घर आने पर उन्हें जब अपनी पत्नी के अगवा होने की खबर मिली तो वह थाने रपट लिखाने गए। पुलिस नाविद की मदद के करने के बजाय उन्हें चुप रहने की हिदायत दी।
पत्नी को अगवा करने वाले गुंडे की धमकियों के भय से नाविद अपने तीनों बच्चों के साथ घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर रह रहे हैं। पुलिस ने साइमा को खालिद सट्टी के घर से निकाल कर एक महिला आश्रय गृह में भेज दिया है। ईसाई दंपत्ति साइमा और नाविद इकबाल की दास्तान सोशल मीडया पर तो है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने इस शमर्नाक मामले का मुश्किल से ही संज्ञान लिया है।
कुछ मानवाधिकर एक्टिविस्ट और अल्पसंख्यकों के हितों के लिए काम करने वाले संगठन जरूर साइमा औऱ नाविद के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं। पुलिस के रवैये से खफा ऐसे कुछ लोगों ने 17 मार्च को नेशनल प्रेस क्लब, इस्लामाबाद के समक्ष धरना देने का एलान किया है।
यह मामला इसलिए कहीं गंभीर है, क्योंकि इसके पहले आम तौर पर पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समाज की लड़कियों को अगवाकर और उनका जबरन धर्मपरिवर्तन कर उनसे शादी करने के मामले ग्रामीण इलाकों से ही सामने आते थे। सिंध प्रांत के कुछ ग्रामीण इलाके इसके लिए खासे कुख्यात हैं कि वहां नाबालिग हिंदू लड़कियों को अगवा कर उनसे जोर-जबरदस्ती इस्लाम कुबूल करवाने के बाद उनका निकाह किसी मुस्लिम के साथ कर दिया जाता है।
साइमा के पति नाविद के मुताबिक पुलिस ने उनकी शिकायत पर चार-पांच दिन तक कुछ नहीं किया। जब एक मार्च को उन्होंने आत्महत्या करने की धमकी तो वह हरकत में आई। 5 मार्च को उसने नाविद से कहा कि साइमा ने तो मजहब बदल कर निकाह कर लिया है। पुलिस ने उन्हें साइमा के निकाह के कथित दस्तावेज भी दिखाए।
नाविद का कहना है कि ये दस्तावेज फर्जी हैं और मजहब बदलने वाले कागज पर किसी मौलवी के हस्ताक्षर तक नहीं हैं। नाविद ने इन दस्तावेजों को अदालत में चुनौती दी है।
19 मार्च को अदालत इस मामले को सुनेगी, लेकिन उन्हें न्याय मिलने की मिलने की उम्मीद कम ही है, क्योंकि पाकिस्तान की अदालतें आम तौर पर इस तरह के फर्जी दस्तावेजों को सही करार देती हैं। साइमा और इकबाल की शादी 15 साल पहले हुई थी। उनके चार, आठ और 13 साल के तीन बच्चे हैं।