साभार: जागरण समाचार
हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल प्रदेश के लोगों के लिए जी का जंजाल बन गई है। न कर्मचारी झुकने को तैयार हैं और न ही सरकार पीछे हटने को राजी है। सरकार के सख्त होते रुख को देखते हुए कर्मचारी नेता
भूमिगत हो गए हैं। अब तक 17 नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें पांच बड़े नेता हैं। ऐतिहासिक रूप से लंबी खिंच रही हड़ताल के सोमवार को 14 दिन पूरे हो जाएंगे। रोडवेज यूनियनों के रुख में नरमी का कोई संकेत नहीं है। सोमवार को गोपनीय मीटिंग कर ये अगली रणनीति की घोषणा करेंगे। संभव है, हड़ताल को दो दिन और बढ़ा दें। इतना ही नहीं, हड़ताल के समर्थन में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 30 व 31 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान कर दिया है। इसमें करीब 140 संगठन शामिल हैं। इन दो दिनों जनसेवाएं बाधित हो सकती हैं। हालांकि परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने दावा किया कि हड़ताल पर गए कर्मचारी और बसें वापस आ रही हैं। रविवार शाम चार बजे तक राज्य में 2426 बसें संचालित हुई। इनमें 93 बसें आरटीए द्वारा संचालित कराई गई।
इनके अलावा परिवहन समितियों की 1059 बसें सड़कों पर दौड़ी हैं। रोडवेज कर्मचारी यूनियनों की तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य हरिनारायण शर्मा, वीरेंद्र धनखड़, दलबीर किरमारा व अन्य ने संयुक्त बयान जारी कर रहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों से हम घबराने वाले नहीं हैं। सोमवार को गोपनीय बैठक कर अगले आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार 30 व 31 अक्टूबर की दो दिवसीय हड़ताल में सभी सरकारी विभागों, बोडोर्ं, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, पालिकाओं, परिषदों, सहकारी समितियों, पंचायत समितियों, पंचायती राज संस्थाओं, केंद्र एवं राज्य द्वारा संचालित परियोजनाओं में कार्यरत लाखों कर्मचारी शामिल होंगे।