साभार: जागरण समाचार
राज्य सूचना आयोग के कड़े रुख के चलते प्रदेश के सभी आइएएस, आइपीएस, एचसीएस और एचपीएस अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करना पड़ सकता है। सूचना आयुक्त हेमंत अत्री व शिव
रमन गौड़ की खंडपीठ बृहस्पतिवार को नौ साल पुराने मामले में निर्णायक सुनवाई करेगी। मुख्य सचिव डीएस ढेसी अपनी राय आयोग को दे चुके हैं। आयोग ने कार्मिक विभाग के अवर सचिव, डीजीपी कार्यालय के अधीक्षक तथा पुलिस मुख्यालय के एसपी (कानून व्यवस्था) को भी तलब कर रखा है।
पानीपत के आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने सूचना का अधिकार कानून के तहत 16 दिसंबर 2009 को मुख्य सचिव से प्रदेश के सभी अफसरों की संपत्ति की जानकारी मांगी थी। साथ ही पूरा ब्योरा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करने की मांग की। सरकार ने वर्ष 2012 में इस पर सभी आइएएस से राय मांगी तो कुल 69 में से 36 ने अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने पर सहमति जता दी। वहीं, 33 आइएएस ने संपत्ति की सूचना देने से साफ इंकार कर दिया। पुलिस अफसरों ने भी संपत्ति की जानकारी देने से हाथ खड़े कर दिए। तभी से यह मामला राज्य सूचना आयोग में लंबित था।
बता दें कि आइएएस अशोक खेमका, समीर माथुर, वी उमा शंकर, टीके शर्मा, बलबीर मलिक, अमित अग्रवाल, पीके दास, जे. गणोशन सहित कुल 36 आइएएस ने अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने पर सहमति दे रखी है। खेमका ने तो बाकायदा कैबिनेट सचिव व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को भेजे पत्र में लिखा कि ईमानदार लोकसेवकों को अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने में कोई भय नहीं होता।