साभार: जागरण समाचार
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की अनुशासन समिति बृहस्पतिवार को सांसद दुष्यंत चौटाला और उनके
छोटे भाई दिग्विजय चौटाला पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकी। पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला तिहाड़ जेल से स्वास्थ्य जांच के लिए बाहर आए मगर उनकी मुलाकात न तो इन दोनों भाइयों से, न ही अनुशासन समिति के पदाधिकारियों से हो सकी।
ओमप्रकाश चौटाला फिलहाल नई दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। उनके स्वास्थ्य की जांच शुक्रवार दोपहर होगी। इसके बाद डॉक्टर तय करेंगे कि उन्हें वापस तिहाड़ भेजा जाए या फिर इलाज के लिए कुछ दिन अस्पताल में रखा जाए। सभी की नजर पार्टी सुप्रीमो के फैसले पर लगी थी। मगर कोई फैसला नहीं आया। माना जा रहा है कि अभी अनुशासन समिति को दुष्यंत पर कार्रवाई का कोई आधार नहीं मिल रहा है। इस बीच, दुष्यंत ने अनुशासन समिति को पार्टी कार्यालय प्रभारी के माध्यम से अपना प्रपत्र भेज दिया है, जिसमें उन्होंने समिति पर अनेक सवाल खड़े कर दिए हैं।
दुष्यंत के साथ जनसमर्थन को देखते हुए बदली पार्टी सुप्रीमो की रणनीति: पार्टी सूत्रों की मानें तो इनेलो सुप्रीमो ने पिछले एक माह में दुष्यंत के साथ बढ़ते युवाओं के समर्थन के कारण अपनी रणनीति बदल दी है। वह इस प्रकरण को फिलहाल किसी भी प्रकार से ठंडा कर देना चाहते हैं। यह भी जानकारी मिल रही है कि उन्होंने परिवार के प्रभावी लोगों को दुष्यंत-अभय के बीच सहमति बनाने की अनुमति दे दी है। बेशक दुष्यंत बृहस्पतिवार को दिल्ली में नहीं थे मगर उनकी तीनों बुआओं ने फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया है। वे चाहती हैं कि दोनों के बीच आपसी सहमति बन जाए। इस बीच, दुष्यंत और उनके चाचा अभय चौटाला की फरीदाबाद, गुरुग्राम से लेकर पलवल तक राजनीतिक गतिविधियां जारी रहीं। दुष्यंत बृहस्पतिवार को फरीदाबाद और फिर पलवल गए। उनके स्वागत में पार्टी के जिला स्तरीय प्रमुख पदाधिकारी नहीं थे मगर युवाओं की पूरी टीम थी। उधर, अभय चौटाला भी गुरुग्राम व पलवल जिले में सक्रिय नजर आए।