साभार: जागरण समाचार
किलोमीटर स्कीम का विरोध कर रहे रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में शुक्रवार को विभिन्न महकमों के करीब दो लाख कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर सड़कों पर उतर आए। अकेले शिक्षा विभाग के 96 हजार से अधिक शिक्षकों और गैर शैक्षणिक स्टाफ, जिसमें से 54500 के करीब सेकेंडरी शिक्षा विभाग और 41500 के करीब एलीमेंट्री शिक्षा के कर्मचारी (बायोमेट्रिक पोर्टल के अनुसार) के अवकाश पर रहने से स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो पाई। वहीं बिजली
निगमों के 90 फीसद कर्मचारियों के अवकाश के कारण बिजली बिलों संबंधी कोई काम नहीं हो सका।
Disclaimer: 26 अक्टूबर को शिक्षा विभाग के 96000 कर्मचारियों के अवकाश पर रहने की सूचना बायोमेट्रिक अटेंडेंस पोर्टल के अनुसार है जो www.nareshjangra.blogspot.com द्वारा संकलित करके ब्लॉग पर डाली गई थी। यह संख्या वास्तविक आंकड़ों से कुछ भिन्न हो सकती है। कृपया अपने स्तर पर सही जानकारी प्राप्त कर लें।
स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश से जहां सफाई व्यवस्था पटरी से उतर गई, वहीं आशा वर्कर व बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के छुट्टी पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। हरियाणा टूरिज्म के ज्यादातर कांप्लेक्स में कोई काम नहीं हो सका। इसी तरह जन स्वास्थ्य, सिंचाई, बीएंडआर, पशुपालन, हुड्डा, वन, पंचायती राज सहित ज्यादातर विभागों, बोर्ड-निगमों और सहकारी समितियों के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे। सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों से छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों का ब्योरा तलब किया है।
वहीं, जिला स्तर पर बृहस्पतिवार से शुरू किया गया क्रमिक अनशन शुक्रवार को भी जारी रहा। सर्व कर्मचारी संघ, कर्मचारी संयुक्त मंच, शिक्षक तालमेल कमेटी सहित अन्य संगठनों ने रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में पहले ही सामूहिक छुट्टी लेने की चेतावनी दे रखी थी। कर्मचारी नेताओं धर्मबीर फौगाट, सुभाष लांबा, नरेश कुमार शास्त्री, दयानंद दलाल, शिव कुमार पाराशर, तरुण सुहाग, गुरदेव सिंह, रमेश मलिक ने दोहराया कि किलोमीटर स्कीम को वापस नहीं लिया तो बड़ा आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे।