साभार: जागरण समाचार
किलोमीटर स्कीम का फैसला वापस नहीं लेने की सरकार की दो टूक के बाद रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने
हड़ताल चार दिन और बढ़ा दी है। उधर, वीरवार शाम से सर्वकर्मचारी संघ से जुड़ी 108 यूनियनों के 28 विभागों में कार्यरत हजारों कर्मी भी रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में 24 घंटे की हड़ताल पर चले गए। इस बीच ठेके पर चालक-परिचालकों की भर्ती और प्रोबेशन पीरियड के चालकों के ड्यूटी संभालने से सड़कों पर रोडवेज बसों की मौजूदगी बढ़ने लगी है। बृहस्पतिवार को रोडवेज की चार सौ से अधिक और बसें डिपो से निकलीं। रोडवेज बेड़े में शामिल कुल 4083 बसों में से 2226 विभिन्न रूटों पर दौड़ीं जबकि बीते रोज 1815 बसें ही चल पाईं थीं। कुल 3385 बसें चलने से यात्रियों को काफी राहत मिली है। हड़ताल के दसवें दिन कर्मचारी यूनियनों ने अंबाला में आपात बैठक कर 29 अक्टूबर तक बसों का चक्का जाम करने की घोषणा कर दी। उधर परिवहन अधिकारियों ने सख्ती बढ़ा दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने बताया कि अभी तक एस्मा के तहत 1222 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 275 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 245 जमानत पर हैं। रोडवेज में प्रोबेशन पर कार्यरत 22 चालकों को हड़ताल में शामिल होने के चलते और बर्खास्त कर दिया गया। उधर, बृहस्पतिवार को कई विभागों के कर्मचारियों ने जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन और अनशन कर हड़ताली रोडवेज कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया। उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चलाने के फायदे गिनाते हुए पीछे हटने से साफ इंकार कर दिया।