Monday, October 29, 2018

INLD विवाद: अभय-दुष्यंत के शिकवे दूर करने को चौटाला समर्थकों ने संभाला मोर्चा

Click here to enlarge imageClick here to enlarge imageClick here to enlarge imageसाभार: जागरण समाचार 
हरियाणा में कई साल तक सत्ता में रहे देवीलाल परिवार के बीच गलतफहमियां दूर करने के लिए पार्टी के
वरिष्ठ नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है। चौटाला परिवार की महिलाएं अपने ढंग से चाचा-भतीजे का विवाद दूर करने की कोशिश में लगी हैं, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता इन दोनों के साथ ही इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को भी समझाने में लगे हैं। चौटाला भी पार्टी में बिखराव रोकना चाहते हैं, लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की वजह से सुलह के प्रयास फिलहाल सिरे चढ़ते नजर नहीं आ रहे हैं। इनेलो की अनुशासन समिति के अध्यक्ष शेर सिंह बड़शामी और पार्टी के कार्यालय सचिव नछत्तर मलहान की तरफ से भी अभी तक सांसद दुष्यंत चौटाला को वह सबूत नहीं उपलब्ध कराए गए हैं, जो उन्होंने आरोपों का जवाब देने के लिए मांगे थे। अनुशासन समिति अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाई है। दुष्यंत को आशंका है कि बिना उनकी सुनवाई के कोई ऐसा फैसला लिया जा सकता है, जो पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित होगा। लिहाजा उन्होंने पहले ही अपने ऊपर लगे आरोपों के सबूत मांग लिए हैं। इससे पहले दुष्यंत और दिग्विजय की इनेलो सुप्रीमो से मुलाकात हो चुकी है। 
पार्टी सूत्रों के अनुसार चौटाला अपने पोते दुष्यंत और दिग्विजय की सफाई से संतुष्ट हैं, लेकिन कुछ नेताओं के अड़ने की वजह से मामला लटकता जा रहा है। चौटाला के सामने यह मुद्दा भी आया कि अभय ने संकट के समय संगठन को पूरी मजबूती के साथ खड़ा किया है, लेकिन दुष्यंत और दिग्विजय ने दलील दी कि बाकी लोग इस अवधि में अपने घर बैठे नहीं रहे।
उन्होंने भी पार्टी को खड़ा किया है। इससे चौटाला पूरी तरह सहमत नजर आए। अनुशासन समिति को चूंकि अभी तक दुष्यंत के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, लिहाजा पार्टी से निकालने का मामला लटक गया है। परिवार की महिलाएं भी पार्टी में किसी तरह की फूट के हक में नहीं हैं। 
उन्होंने सुलह की तमाम कोशिशें की, लेकिन बहुत अच्छे नतीजे सामने नहीं आने के बाद बड़े चौटाला के विश्वासपात्र कुछ नेताओं को सुलह की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें पता है कि यदि पार्टी टूटी तो इसका फायदा कांग्रेस, भाजपा व आम आदमी पार्टी को हो सकता है।
पार्टी की पुरानी और नई पीढ़ी के बीच जंग: इनेलो में फिलहाल अस्तित्व की लड़ाई चल रही है। गोहाना रैली में लगाए गए 150 कैमरों की फुटेज तैयार कर ली गई है। इसके आधार पर सिर्फ एक सेक्टर जिसका नंबर 1600 है, वहां पर कुछ लोगों ने हल्ला मचाया है और अपने नेता के समर्थन में नारेबाजी की है। कुछ महिलाएं भी नारेबाजी करती दिखाई दी है, लेकिन किसी फुटेज में ऐसा प्रमाण सामने नहीं आया कि इन्हें ऐसा करने के लिए उकसाया गया है। ऐसी ही फुटेज अभय समर्थकों ने तैयार कराया है जिसमें दुष्यंत व दिग्विजय को दोषी ठहराने की दलीलें पेश की जा रही हैं। जानकार बताते हैं कि यह सब बहानेबाजी है, लेकिन असली जंग पुरानी व नई पीढ़ी की सोच में है, जिसका भविष्य नेतृत्व की लड़ाई से जुड़ा है।
अब दीपावली के बाद ही होगा कोई फैसला: अजय सिंह चौटाला दीपावली से पहले जेल से बाहर आ रहे हैं। उनके 2 नवंबर के बाद जेल से बाहर आने की उम्मीद है। तब बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के साथ उनकी चर्चा होगी। अजय चौटाला अपने समर्थकों के साथ बातचीत कर सकते हैं। इस बीच दुष्यंत ने जन नायक सेवा दल को सक्रिय कर दिया है। यदि सुलह की कोशिशें सिरे नहीं चढ़ी तो पार्टी में बिखराव तय है।