साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में कार्यरत सभी आइएएस, आइपीएस, एचसीएस और एचपीएस अधिकारियों की अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा। उन्हें पहली अप्रैल से ऑनलाइन यह जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। हरियाणा राज्य सिविल सेवा नियम-2016 की धारा 24 के तहत सभी अधिकारियों के लिए यह जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपनी संपत्ति बताएं। संपत्ति की जानकारी न देने वाले अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी तथा उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में भी इसकी एंट्री की जाएगी। हरियाणा राज्य सूचना आयोग की हेमंत अत्री और शिवरमन गौड़ पर आधारित दो सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को पौने नौ साल पुराने चार मामलों का एक साथ निपटारा करते हुए यह निर्देश दिए हैं। पीठ ने संबंधित विभागों को समयबद्ध ढंग से फैसला लागू करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव और डीजीपी कार्यालयों के जन सूचना अधिकारियों का पक्ष सुनने के बाद पीठ ने पिछले सप्ताह अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। एनआइसी को अधिकारियों की संपत्तियों का विवरण जारी करने के लिए नया पोर्टल अगले सौ दिनों के भीतर तैयार करने को कहा गया है। मुख्य सचिव कार्यालय इस संबंध में जरूरी कदम उठाने के लिए सुनवाई के दौरान ही एनआइसी को पत्र लिख चुका है। आयोग की पीठ ने कहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग इसी दौरान संपत्तियों का विवरण देने के लिए निर्धारित प्रोफारमा में आवश्यक संशोधन भी करेगा। यह सारा काम 28 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा।1हेमंत अत्री के अनुसार पहली मार्च से 31 मार्च के बीच प्रदेश के सभी राजपत्रित अधिकारियों की संपत्तियों का विवरण हरियाणा सिविल सेवा नियमावली 2016 की धारा 24 के तहत संबंधित विभागों में जमा करवाने के बाद पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा ताकि आम लोग जिस भी अधिकारी के बारे में जानकारी लेना चाहें, उन्हें वह घर बैठे ही आसानी से मुहैया हो सके।1हरियाणा में अब सभी महकमों के प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों तथा तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को संपत्ति की ऑनलाइन जानकारी देनी होगी। आइएएस-एचसीएस और आइपीएस-एचपीएस अफसरों के लिए भी संपत्ति का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करना अनिवार्य कर दिया गया है। अभी तक सरकारी कर्मचारियों व अफसरों को हर साल निर्धारित प्रपत्र में अपनी संपत्ति की जानकारी विभागाध्यक्षों को देनी होती थी। नई व्यवस्था में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी मुलाजिमों को 31 अप्रैल तक चल-अचल संपत्ति की ऑनलाइन जानकारी देनी पड़ेगी। मुख्य सचिव कार्यालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सभी महकमों को एचआरएमएस नोडल अधिकारी मनोनीत करने के निर्देश दिए गए हंै ताकि ऑनलाइन ब्योरा देने में मुश्किल आने पर कर्मचारी मदद ले सकें।