साभार: जागरण समाचार
देशवासियों को सालों से अटके पड़े कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे का लोकापर्ण 1 नवंबर को हो सकता है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के रिमोट के जरिये केएमपी के उद्घाटन के अनुरोध को
स्वीकार कर लिया है। सरकार पहले इसका उद्घाटन 25 दिसंबर को सुशासन दिवस पर करने की योजना बना रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री की व्यस्तता को देखते हुए उद्घाटन अब एक नवंबर को कराने की कोशिश हो रही है।
135 किलोमीटर लंबे इस हाईवे का मानेसर से पलवल के बीच का निर्माण कार्य पहले ही हो चुका है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दो साल पहले इसका उद्घाटन किया था। अब कुंडली से मानेसर के बीच 83 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को छह लेन का बनाया गया है। इसके निर्माण में 1863 करोड़ रुपये की लागत आई। साल 2006 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट को 2010 तक पूरा हो जाना था, लेकिन इस प्रोजेक्ट के एक हिस्से को 2016 में और दूसरे हिस्से को अब 1018 में लांच किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में केएमपी का निरीक्षण किया था। उन्होंने एग्जिट प्वाइंट का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे। केएमपी पर 7 निकासी द्वार (एग्जिट प्वाइंट)होंगे। उद्घाटन के दिन इन प्वाइंट्स पर सात मंत्रियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। हाईवे के दोनों तरफ 21 प्रतिमाएं लगाई जाएंगी जिन्हें तराशने का कार्य लगभग अंतिम चरण में है। इन प्रतिमाओं में हरियाणा की कला एवं संस्कृति, योग एवं गीता को दर्शाया जाएगा। एक्सप्रेस वे पर 64 कलवर्ट, 8 माइनर ब्रिज, 6 मेजर ब्रिज, 4 आरओबी, 34 अंडरपास सहित अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
केएमपी एक्सप्रेस-वे की कुछ खास बातें:
- सोनीपत, झज्जर, बहादुरगढ़, नूंह, सोहना, हथीन और पलवल क्षेत्र से गुजरेगा
- दिल्ली वेस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेस-वे भी कहलाता है केएमपी
- केएमपी एक्सप्रेस-वे का प्रस्ताव साल 2003 में लाया गया था। तब से इसकी डेडलाइन लगातार बदलती रही
- महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, बंगाल और यूपी के ट्रैफिक पर होगा असर
- दिल्ली से घटेगा भारी वाहनों का बोझ
- दिल्ली से कम होगा प्रदूषण
- मथुरा से पास आया गुरुग्राम
- दिल्ली को मिलेगी नई लाइफ लाइन
- 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से फर्राटा भरेंगी कारें