साभार: जागरण समाचार
मुख्य विपक्षी दल इनेलो और चौटाला परिवार में अंदरूनी कलह और बढ़ती दिख रही है। बृहस्पतिवार को हिसार
के सांसद दुष्यंत चौटाला निलंबन के नोटिस का जवाब पार्टी की अनुशासन समिति को सौंपेंगे। लाडवा से पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी इस समिति के चेयरमैन हैं। उधर, दोनों भाइयों को थमाए नोटिस में पार्टी ने कहा है कि उन्हें अपनी सफाई देने के लिए यह आखिरी मौका दिया जा रहा है। दिग्विजय ने कहा कि हमें नहीं लगता कि नोटिस में ओमप्रकाश चौटाला की भाषा है। इसके पीछे बड़ी साजिश है और वह इसका खुलासा करके रहेंगे।
इनेलो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला बृहस्पतिवार को मेडिकल जांच के लिए तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री पहले ही संकेत दे चुके कि जिस दिन वह जेल से बाहर आए, उसी दिन अनुशासन समिति की रिपोर्ट पर मुहर लगा देंगे। हालांकि अनुशासन समिति की ओर से अभी तक दुष्यंत से किसी तरह की पूछताछ नहीं की गई है।
बुधवार को दिग्विजय चौटाला ने सवाल उठाते हुए कहा कि दुष्यंत के समर्थन में नारे लगें तो गलत है और पार्टी के दूसरे नेताओं के लिए नारे लगाने वालों पर कार्रवाई कब होगी। दिग्विजय ने कहा कि 5 मार्च को हुई इनसो की रैली में किन-किन नेताओं ने टेलीफोन किए और क्या-क्या बातें की, इसकी पूरी रिकाडिर्ंग हमारे पास है। बता दें कि गोहाना में 7 अक्टूबर को हुई सम्मान दिवस रैली में अभय चौटाला के भाषण के दौरान हूटिंग और दुष्यंत के समर्थन में नारों के बाद पार्टी के कार्यालय सचिव नच्छत्र सिंह मल्हान ने सांसद को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने का नोटिस थमाया था। एक सप्ताह में दुष्यंत को इस नोटिस का जवाब देना था। इस बीच दुष्यंत ने 14 अक्टूबर को लिखित जवाबी हमले में पार्टी नेतृत्व से उन पर लगाए गए आरोपों को साबित करने के सबूत मांगे।