साभार: जागरण समाचार
परिवहन सेवाओं को पटरी पर लाने की कोशिश में लगे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर्मचारियों को अपनी हद में रहने की नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि यूनियनें कर्मचारियों की प्रतिनिधि हो
सकती हैं, लेकिन सरकार जनता की प्रतिनिधि है। जनता को सुविधाएं देना हमारा काम है। सरकार क्या कर रही है और क्या नीति बना रही है, इसमें कर्मचारियों को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने भी कहा है कि सरकार कोई भी नीति बना सकती है। कर्मचारियों ने तो हाई कोर्ट में भी शपथपत्र दिया है कि वे सरकार की पॉलिसी का विरोध नहीं करेंगे।