Monday, July 10, 2017

DU: हरियाणा बोर्ड के छात्रों का रद हो सकता है दाखिला

दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाले हरियाणा बोर्ड के छात्रों का दाखिला रद करने की चेतावनी दाखिला समिति ने दी है। यह चेतावनी उन्होंने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को दोबारा मेल लिखते हुए दी है। दिल्ली
विश्वविद्यालय के कॉलेजों ने जब ऑनलाइन अंक पत्र और मूल अंकपत्र के अंकों में अंतर देखा तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के छात्रों को दाखिला देने से मना किया। कुछ कॉलेजों ने छात्रों ये यह भी कहा कि वह अपने स्कूल के प्रिंसिपल से यह लिखवा कर लाएं कि जो अंकपत्र दिया गया है वह सही है। ज्ञात हो कि डीयू पहले प्रमुख बोर्डो से उनके यहां के अंकपत्र की सीडी या ऑनलाइन मार्कशीट का लिंक ले लेता है जिससे दाखिला देते समय वह मूल प्रमाणपत्र के साथ अंकों का मिलान कर सके और यह पुष्ट कर सके कि छात्र ने जो प्रमाणपत्र दिया है वह सही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके अलावा भी वह छात्रों से शपथ पत्र लेता है कि यदि कोई प्रमाणपत्र गलत पाया गया तो वह दाखिला रद कर देंगे। डीयू के कॉलेजों ने हरियाणा बोर्ड के छात्रों के ऑनलाइन अंकपत्र देखने के बाद उनको दाखिला दे दिया लेकिन जब प्रमाणपत्र आया तो उसमें अंतर था। तीसरे कटऑफ तक जब हरियाणा बोर्ड के छात्र मूल अंकपत्र के आधार पर दाखिला लेने आए तो उसमें अंतर आने पर कॉलेजों ने दाखिला देने से मना कर दिया। इसके बाद मामला दाखिला समिति तक पहुंचा। इसके बाद दाखिला समिति ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को मेल भेज कर स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन रविवार रात तक हरियाणा बोर्ड की तरफ से कोई पत्र या मेल डीयू को प्राप्त होने की सूचना नहीं है। उधर, डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हरियाणा बोर्ड को इस बाबत हमने एक मेल लिखा है लेकिन अब तक उसका कोई उत्तर नहीं आया है। हम छात्रों की परेशानी से अवगत हैं और एक बार फिर बोर्ड इस बाबत लिखें है कि यदि वह इसे स्पष्ट नहीं करते हैं तो हमें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सभी छात्रों का दाखिला रद करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि इस वर्ष हरियाणा बोर्ड से रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों की संख्या 9093 है। यह संख्या सीबीएसई और उत्तर प्रदेश बोर्ड के बाद सबसे अधिक है।यह है मामलाडीयू में ऑनलाइन और मूल प्रमाणपत्र में जो अंतर है उससे छात्रों का कटऑफ प्रभावित हो रहा है। ऑनलाइन मार्कशीट में 100 अंकों के प्रश्नपत्र में थ्योरी में 60 अंक प्रैक्टिकल में 20 और 20 अंक इंटरनल एसेसमेंट का रखा है जबकि मूल मार्कशीट में यह 70 और 30 में विभाजित है। जिसके कारण कई कॉलेज दाखिला देने से मना कर चुके हैं। डीयू भी बेस्ट फोर बनाते समय थ्योरी में 70 और प्रैक्टिकल में 30 अंक के आधार पर ही मूल्यांकन करता है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार 
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