Friday, December 4, 2015

लापरवाही: असिस्टेंट प्रोफेसर को बना दिया केयरटेकर

एक सहायक प्रोफेसर को केयर टेकर के पद पर तैनात किए जाने का मामला सामने आया है। यह सनसनीखेज मामला वैश्य एजुकेशन संस्था के इंजीनियरिंग कालेज में सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि कालेज की संस्तुति पर जिला उपायुक्त ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए है। चूंकि जिला उपायुक्त डीके
बेहेरा को सरकार की तरफ से वैश्य एजुकेशन सोसायटी के प्रशासक की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बता दें कि सहायक प्रोफसर द्वितीय श्रेणी की नौकरी में आता है जबकि केयर टेकर चतुर्थ श्रेणी में। इस निर्णय से जहां सहायक प्रोफेसर मानसिक रूप से परेशान है बल्कि अब उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला ले लिया है।
बता दें कि गांव मकड़ौली निवासी रामभगत अंग्रेजी और राजनीति विज्ञान विषय से स्नातकोत्तर हैं। पिछले दस वर्षों से वैश्य इंजीनियरिंग कालेज में कार्यरत हैं। विगत नौ जनवरी 2015 को उसकी शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए प्रबंधन ने वैश्य इंजीनियरिंग कालेज में ही पदोन्नत करते हुए सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात कर दिया। चार नवंबर 2015 को उनके तबादले के आदेश जारी हो गए। आदेशों में वैश्य इंजीनियरिंग कालेज से वैश्य कालेज में गैर शिक्षण पद के लिए तबादला कर दिया। आदेश जिला उपायुक्त एवं प्रशासक डीके बेहेरा द्वारा किए गए। वैश्य कालेज प्राचार्य ने असिस्टेंट प्रोफेसर रामभगत को तुरंत प्रभाव से रिलीव भी कर दिया। इसके बाद जब वे वैश्य कालेज में पहुंचे तो वहां प्राचायज़् ने गैर शिक्षण विभाग में कोई भी पद खाली नहीं होने की बात कहते केयर टेकर के पद पर ज्वाइन करवा दिया। सहायक प्रोफेसर ने इसका विरोध किया, लेकिन नौकरी जने के डर से विरोध स्वरूप ज्वाइन कर लिया। सहायक प्रोफेसर चार नवंबर को जिला उपायुक्त से मिला और अपने कागजात दिखाते हुए उसे सहायक प्रोफेसर ही ज्वाइन करने की मांग की थी। 
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साभारजागरण समाचार 
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