सीएम सिटी करनाल के उचानी स्थित हकृवि के रीजनल रिसर्च सेंटर की जगह प्रदेश सरकार द्वारा हार्टिकल्चर यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा खटाई में पड़ सकती है। विवि की जमीन पर हार्टीकल्चर यूनिवर्सिटी बनाने की राज्य सरकार के घोषणा से हकृवि के वैज्ञानिकों की नींद उड़ी हुई है। वैज्ञानिक दबी जुबान में राज्य
सरकार के फैसले का विरोध जता रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वहीं मामले पर हकृवि शिक्षक संघ हौटा ने खुल कर मोर्चा संभाल लिया है। मामले पर विवि प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। इस संबंध में हकृवि शिक्षक संघ हौटा ने अपनी आवाज उठाई है। हौटा ने मुख्यमंत्री को उचानी केवीके की जमीन पर यूनिवर्सिटी नहीं बनाने की अपील की है। उन्होंने तर्क दिया है कि उचानी की जगह मुनक में दी जाने वाली जमीन कृषि योग्य नहीं है, जिन किस्मों को लेकर रीजनल रिसर्च सेंटर के अधिकारी शोध कर रहे हैं। मामले में हौटा के पदाधिकारी शिक्षक संघ के चुनाव के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
मुनक की जमीन गन्ने व मक्के की फसल के लायक नहीं: हकृवि के उचानी रीजनल रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिकों के द्वारा गन्ने के किस्मों पर शोध कार्य किए जाते है। कई अलग - अलग व नवीन किस्मों की खोज की जाती है, जिससे किसानों को अच्छी व बेहतर उपज मिल सके। उचानी रीजनल रिसर्च सेंटर में कई फसलों पर बेहतर शोध कार्य किया जा रहा है। सरकार ने मुनक में जो जमीन दी है, वह गन्ने, मक्का आदि की फसलों के लायक नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री को अपील की है कि वह उचानी सेंटर की जमीन हार्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए न ले।-डा. केडी शर्मा, पूर्व प्रधान, हौटा।
हमारे पास सरकार से कोई जमीन संबंधी पत्र नहीं आया है। हालांकि सरकार ने उचानी सेंटर की जमीन लेने संबंधी घोषणा कर दी है। जैसे ही हमें पत्र मिलता है, कोई कार्रवाई की जाएगी। प्रो. एमएस दहिया, कुलसचिव , हकृवि।
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साभार: जागरण समाचार
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