Saturday, December 19, 2015

क़ानून की मजबूरियों के आगे हारी निर्भया की माँ, नाबालिग बलात्कारी और हत्यारे की होगी रिहाई

दिल्ली के वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी नाबालिग की रिहाई पर रोक लगाने से हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति जयंतनाथ की खंडपीठ ने कहा कि वर्तमान कानून के तय प्रावधानों के तहत अदालत दोषी की रिहाई पर रोक नहीं लगा सकती। यह पोस्ट
आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। खंडपीठ ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह दोषी से व उसके माता-पिता और महिला एवं बाल विकास विभाग से बात करके उसके पुनर्वास व समाज की मुख्यधारा से उसे जोड़ने के लिए काम करे। 
अदालत ने अपने सात पन्नों के फैसले में साफ किया है कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड सेक्शन 15 (1) के तहत दोषी को अधिकतम तीन साल के लिए बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है। ऐसे में यह अवधि पूरी होने पर दोषी को छोड़ने का प्रावधान है। अगर सुप्रीम कोर्ट रोक नहीं लगाता है तो 20 दिसंबर को बाल सुधार गृह से उसे रिहा किया जाएगा। खंडपीठ ने कहा कि नाबालिगों के पुनर्वास के बारे में गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। इस मामले में भविष्य में क्या किया जाना चाहिए, केंद्र व दिल्ली सरकार इस बारे में आठ सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करे। रिहाई पर रोक लगाने संबंधी याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने मामले में अन्य पहलुओं पर सुनवाई के लिए 28 मार्च 2016 की तारीख तय की है। गौरतलब है कि इस मामले को लेकर अदालत में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका दायर की थी। इसमें नाबालिग को बिना सुधारे रिहा न किए जाने का आग्रह किया गया था। याची का दावा था कि यदि उसे वर्तमान परिस्थितियों में रिहा किया गया तो वह समाज के लिए खतरा हो सकता है। नाबालिग को सुधार गृह में रखे जाने की अवधि पूरी होने के बावजूद अदालत उसकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा सकती है।
यह था मामला: पैरा-मेडिकल की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के आरोप में नाबालिग को बाल न्यायालय ने तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। दोषी को 20 दिसंबर को रिहा किया जाना है। हाल ही में खुफिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार एक नाबालिग ने वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म कांड के दोषी नाबालिक को उकसाया था और उसे कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की थी। ऐसे में स्वामी ने उसकी रिहाई पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी।
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साभारजागरण समाचार 
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