Monday, July 10, 2017

हरियाणा देश का पहला राज्य जहाँ प्राथमिक विभाग में छात्र-अध्यापक अनुपात सबसे कम

देश में हरियाणा ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां छात्र-अध्यापक अनुपात सबसे कम हुआ है। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत देश में 30 बच्चों पर एक अध्यापक नियुक्त करने का प्रावधान है, जबकि हरियाणा में
अब 25 बच्चों को एक शिक्षक होगा। रेशनेलाइजेशन के बाद अब नव नियुक्त जेबीटी को स्कूल आवंटित करने की प्रक्रिया जल्द ही गति पकड़ेगी। 12,761 जेबीटी को ड्यूटी ज्वाइन तो कराई जा चुकी है मगर अभी तक उन्हें स्कूल अलॉट नहीं हुए थे। स्वीकृत पदों के अभाव में जेबीटी स्कूलों के आवंटन का इंतजार कर रहे थे। राजेंद्र शर्मा ने दावा किया कि सरकार के इस फैसले से 9670 नए पद सृजित हुए हैं।  
हरियाणा सरकार ने 12 हजार 731 जेबीटी शिक्षकों को एडजेस्ट करने के लिए मौलिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के पदों का रेशनेलाइजेशन कर दिया है। राज्य में पहले 30 बच्चों पर एक शिक्षक पढ़ाता था, लेकिन अब 25 बच्चों पर एक शिक्षक होगा। यह रेशनेलाइजेशन स्कूलों में पिछले साल सितंबर माह तक पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या के आधार पर किया गया है, जिससे मौलिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के करीब साढ़े सात हजार पद बढ़ गए हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस बार सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी है। रेशनेलाइजेशन अगर जुलाई 2017 की छात्र संख्या के आधार पर होता तो पदों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती थी। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को नए रेशनेलाइजेशन का परिपत्र जारी कर दिया है। मौलिक शिक्षा विभाग हरियाणा ने राजकीय विद्यालयों में कार्यरत जेबीटी और मुख्य शिक्षकों के पदों के वैज्ञानिकीकरण हेतु संशोधित क्राइटेरियन जारी किया है जिसके अनुसार 50 बच्चों तक 2 जेबीटी, 51 से 75 तक तीन, 76 से 100 तक चार, 101 से 125 तक पांच जेबीटी शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 126 से 150 बच्चों तक 5 जेबीटी और एक मुख्य शिक्षक, 151 से 175 तक 6 जेबीटी और एक मुख्य शिक्षक और इसी प्रकार से हर 25 बच्चों पर एक जेबीटी शिक्षक का पद बढ़ता जाएगा। बच्चों की संख्या 30 सितम्बर 2016 के आधार पर ली जाएगी।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: DSE वेबसाइट 
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