हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में अब बिजली के
खराब मीटर चेक करने के लिए लेबोरेट्री में नहीं भेजे जाएंगे बल्कि बिजली
विभाग सभी मीटरों को मुफ्त में बदलेगा। साथ ही राज्य सरकार सभी 6500 गांवों
में 24 घंटे बिजली मुहैया कराएगी। इसके लिए सभी सांसदों, विधायकों और अन्य
संस्थाओं को प्रदेश के सभी गांव गोद दिलाए जाएंगे और इन गांवों में 90
प्रतिशत से ज्यादा रिकवरी करवाई जाएगी और प्रयास किया जाएगा कि सभी गांवों
में लाइन लोस 20 फीसदी से कम हो। सीएम ने
दयालपुर में उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की तरफ से शुरू की गई
म्हारा गांव-जगमग गांव योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि म्हारा गांव-जगमग
गांव योजना के तहत आज से प्रदेश के 83 फीडरों के 350 गांवों में 12 से 15
घंटे बिजली देने की शुरुआत की है।
सीएम ने कहा कि बिजली वितरण का पूरा ढांचा बदलकर तीन-तीन घंटे बढ़ाते हुए
बिजली सप्लाई को 24 घंटे किया जाएगा। इसके लिए बिजली के मीटर भी लोगों के
घरों के बाहर लगाए जाएंगे। प्रत्येक गांव में बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर को
सुदृढ़ करने पर 15-20 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी। बिजली की तारें
बदली जाएंगी। लंबित बिजली बिलों को तर्कसंगत बनाकर बकाया राशि के ब्याज को
शून्य पर लाया जाएगा। इस योजना के तहत एक जुलाई से इंसुलेटेड तारों के
बदलने तथा घर के बाहर मीटरों के लगाने पर बिजली आपूर्ति 15 घंटे से बढ़ाकर
18 घंटे और ग्रामीणों द्वारा 90 प्रतिशत से ज्यादा बिलों के नियमित भुगतान
करने पर बिजली की सप्लाई 18 घंटे से बढ़ाकर 21 घंटे कर दी जाएगी। इसके
अलावा बकाया बिलिंग साईकिल की राशि 10 प्रतिशत से कम रह जाती है तो सप्लाई
24 घंटे कर दी जाएगी।
ग्राम सभा में पहुंचेेंगे जेई, करेंगे समाधान: सीएम
खट्टर ने कहा कि भविष्य में गांव स्तर पर ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा
और इस ग्राम पंचायत में जेई स्तर के अधिकारी भी पहुंचेंगे और मौके पर
बिजली संबंधी समस्याएं दूर करेंगे और एक सप्ताह में बिजली कनेक्शन देना
सुनिश्चित करेंगे।
विकास के लिए बिल भरना जरूरी: सीएम
ने कहा कि बिजली के बिल न भरने व लाईन लोस के कारण बिजली निगम में 5500
करोड़ रुपये का घाटा है और 28 हजार करोड़ का कर्जा भी बिजली विभाग पर है।
अगर 24 घंटे बिजली दी जाती है और लोग बिल नहीं भरते हैं तो यह घाटा 8 से 9
हजार करोड़ रुपये तक हो जाएगा। अब लोगों को बिजली के बिल भरने की आदत डालनी
हैं क्योंकि विकास कार्यों के लिए पैसे की जरुरत पड़ती है और जब जनता
बिजली के बकाया बिलों का भुगतान नहीं करेगी तो पैसे कहां से आएंगे।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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